किस करवट लेगी महाराष्ट्र की राजनीति, भाजपा के  ‘माइंड गेम’ से कांग्रेस परेशान…

महाराष्ट्र का विवाद अब राज्य से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। कांग्रेस को अपने और शिवसेना के विधायकों पर तो पूरा भरोसा है लेकिन वह एनसीपी के दाव से तालुक नहीं रखती है। जिसकी वजह से कांग्रेस एनसीपी के विधायकों पर भरोसा नहीं कर पा रही है। इसी के चलते कानूनी दांव -पेंच फंसे हुए हैं।

महाराष्ट्र का विवाद

कांग्रेस को डर है कि अजीत यदि तकनीकी आधार पर बहुमत परीक्षण के समय विधायक दल के नेता बने रहे तो एनसीपी में तोड़-फोड़ की आशंका बनी रहेगी। इसीलिए विपक्षी खेमे ने भी भाजपा को मात देने के लिए ‘माइंड गेम’ के दांव चलने शुरू कर दिए हैं। विधायकों की मीडिया के सामने कराई गई परेड तीनों दलों की इस रणनीति का अहम हिस्सा था।

 

कांग्रेस इस आशंका को भी नजरअंदाज नहीं कर रही कि कानूनी तकनीकी की आड़ में भाजपा अजित के जरिए एनसीपी विधायकों को व्हिप का डर दिखा तोड़ने की कोशिश भी कर सकती है। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की ओर से सर्वोच्च अदालत में सोमवार को इस पहलू को उठाया भी गया। इस आशंका को टालने के लिए ही कांग्रेस और शिवसेना जहां कानूनी पक्ष को मजबूत करने में लगे हैं। वहीं शरद पवार ने अजीत पवार को वापस लाने की कोशिशें अभी तक नहीं छोड़ी है।

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सुप्रीम कोर्ट में कानूनी तकनीकियों के जरिये भाजपा ने जब एनसीपी विधायकों के मन में बेचैनी पैदा करने की कोशिश की दलीलें दी। तब विपक्षी दलों ने जवाबी दांव चलते हुए मुंबई के होटल में अपने समर्थक 162 विधायकों की मीडिया के सामने परेड करा भाजपा ही नहीं अजीत पवार को भी आंकड़ों के खेल में परास्त करने का संदेश देने की कोशिश की। माना जा रहा कि एनसीपी विधायकों में अजीत पवार की सेंधमारी की कोशिश नाकाम करने के साथ ही सर्वोच्च अदालत के मंगलवार को आने वाले फैसले के मद्देनजर भी विपक्षी खेमे ने विधायकों की यह परेड करायी।

सर्वोच्च अदालत की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र में बहुमत परीक्षण को लंबा खींचने के भाजपा के दांव को देखते हुए ही कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना ने अपने-अपने खेमे के विधायकों को एक मंच पर लाकर संयुक्त यह संदेश देने का फैसला किया। इसके जरिये संदेश यही था कि संख्या बल भाजपा और अजीत पवार के पास नहीं है बल्कि तीनों दलों के गठबंधन के पास है। कांग्रेस को उम्मीद है कि संख्या बल देखने के बाद अजीत समर्थक एनसीपी विधायक बाहर जाने का जोखिम लेने से हिचकेंगे।

 

 

 

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