धन, सुख एवं संतान प्राप्ति के लिए ऐसे करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप

महामृत्‍युंजयशिव, शंकर, रुद्र, शिवाय आदि नामों से प्रसिद्ध भगवान शिव को भक्त ‘भोले बाबा’ के नाम से भी जानते हैं। उनका यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव भोले हैं, वे भक्तों की थोड़ी ही कोशिश पर उनकी पुकार सुन लेते हैं और मनोकामना पूर्ण कर देते हैं। यहां हम महामृत्‍युंजय जाप का महत्‍व बताने जा रहे हैं।

भगवान शिव के इन्हीं उपकारों की वजह से भक्त अधिक से अधिक उनकी पूजा करते हैं। वैसे यह मात्र कहने की ही बात नहीं है, भगवान शिव से जुड़े हर पाठ, पूजा एवं मंत्र में शक्तिशाली ताकत है।

इनका पूजन या जाप यदि सही तरीके से किया जाए तो यह चमत्कारी रूप से असर करते हैं और भक्त का जीवन ही बदल कर रख देते हैं। यदि आपने कभी शिव जी को समर्पित महामृत्युंजय मंत्र के बारे में सुना हो, तो आप इस बात को और भी अधिक गहराई से समझ सकेंगे।

महामृत्युंजय मंत्र एक ऐसा मंत्र है जो चमत्कार कर सकता है। यह रोते हुए को खुशियां दिला सकता है, मरते हुए को दोबारा जीवन दिला सकता है।

मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

यहां हम आपको महामृत्युंजय मंत्र का महत्व और उससे होने वाले असर बताने जा रहे हैं। किस समस्या में किस प्रकार से इन मंत्र का जाप किया जाए ताकि लाभ मिले।

यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर है तो यह उसकी जिंदगी में दुख लेकर आता है। ऐसा जातक चाहकर भी सुखों को महसूस नहीं कर सकता। सुख क्या है वह कभी समझ ही नहीं पाता।

इसलिए ऐसे जातक को महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। यह जाप उसकी जिंदगी में सुखों की वर्षा लेकर आएगा। सूर्य मजबूत बनाने के लिए महामृत्युंजय मंत्र जाप का एक विशेष उपाय मौजूद है।

इसके लिए रविवार को एक ताम्बे के पात्र में जल लेकर उसमें गुड़ और लाल चंदन मिलाकर उस जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करें तथा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इस प्रयोग से आपके घर में सुख समृद्धि आएगी, ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी, लक्ष्मी का वास होगा तथा सूर्य ग्रह शांत होंगे।

भगवान शिव भक्तों की मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं यदि दिल से उनका नाम लिया जाए। यदि आपकी कोई कामना लंबे अरसे से अधूरी है और तमाम तरीके अपनाकर भी कोई फल नहीं मिल रहा तो शिव जी इसमें आपकी सहायता कर सकते हैं।

इसके लिए महादेव शिव को शिव रात्रि के दिन 108 नींबुओं की माला बनाकर पहनाएं तथा अमावस्या के दिन उस नींबुओं की माला को उतारकर नींबुओं को अलग-अलग कर दें। इसके बाद इन नींबुओं के साथ महामृत्युंजय के मंत्र का जाप करें, इससे मनोकामना की पूर्ति होती है।

कई बार जीवन में ऐसे संकट आते हैं जो जीवन को नष्ट करके रख देते हैं, ऐसे में महामृत्युंजय मंत्र का जाप ही सहायक सिद्ध होता है। इस मंत्र का सही उच्चारण सहित जाप करते हुए शिव जी को जायफल अर्पण करें, आया हुआ संकट टल जाएगा।

यदि लंबे समय से आप किसी रोग से ग्रस्त हैं या आपका कोई जानकार किसी गंभीर बीमारी से परेशान है, तो उसे महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने की सलाह दें।

रोग से मुक्ति दिलाने के लिए महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करते हुए भगवान शिव के पारद शिवलिंग का प्रतिदिन सवा घंटे तक जलाभिषेक करना चाहिए तथा उसके बाद अभिषेक किए हुए जल का थोड़ा सा पानी हर रोज रोगी को पिलाना चाहिए। इस प्रयोग से बड़े से बड़ा रोग भी समाप्त हो जाता है।

नजर दोष से बचने के लिए, हमेशा रोग मुक्त रहने के लिए, टोने-टोटके से बचाव के लिए, किसी जादुई या नकारात्मक प्रभाव से बचाव हेतु भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है।

इसके लिए सर्व प्रथम आप तांत्रिक महा महामृत्युंजय के 1,37,500 मंत्र जाप का अनुष्ठान करके मंत्र सिद्धि प्राप्त करें तत्पश्चात जब कभी कोई नजर दोष से पीडित बच्चे, टोने टोटकों से या तांत्रिक क्रिया से परेशान कोई व्यक्ति आए तो उसे मोर पंख से झाड़ा (झाड़नी) देने से समस्त समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

धन पाने के लिए या व्यापार अथवा आमदनी में वृद्धि के लिए भी लाभकारी सिद्ध होता है महान महामृत्युंजय मंत्र। इस मंत्र से आर्थिक लाभ पाने के लिए प्रत्येक बुधवार को उपाय किया जाना चाहिए।

इस दिन कांसे का पात्र लेकर उसमें जल के साथ दही, शक्कर तथा घी मिलाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने से असीम धन के प्राप्ति होती है। यह उपाय आपको व्यापार में लाभ दिलाएगा, साथ ही घर के बच्चों को उत्तम विद्या की प्राप्ति ही होती है। उनकी बुद्धि तीव्र होती है तथा शिक्षा में उनका मन लगता है।

महामृत्‍युंजय मंत्र के जप से दूर होंगे कष्‍ट

जिस दंपति को संतान ना हो रही हो या पुत्र की प्राप्ति ना हो रही हो, उन्हें भी इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। यह उपाय दोनों पति-पत्नी को स्वयं करना चाहिए।

प्रति मंगलवार को तांबे के पात्र में जल में गुड मिलाकर लाल फूल डालकर महामृत्युंजय मंत्र जाप करते हुए शिव लिंग पर चढ़ाने से सभी प्रकार के सुखों की एवं पुत्र की प्राप्ति होती है। जिनका स्वास्थ सही नहीं रहता उनके लिए भी यह उपाय सही है।

यदि विवाह नहीं हो रहा हो या बार-बार बाधा आ रही हो, तो महामृत्युंजय मंत्र का सहारा लें। प्रत्येक शुक्रवार को चांदी या स्टील के बर्तन में जल, दूध, दही, घी, मिश्री व शक़्कर आदि मिलाकर महामृत्युंजय का जाप करते शिव को अर्पित करने से तुरंत विवाह का योग बनता है।

इसके अलावा जिन पती-पत्नी के बीच हमेशा ही झगड़े रहते हैं, वे भी यदि इस उपाय को करें तो लाभ होगा। इस उपाय को करने से संतान की प्राप्ति भी होती है एवं साथ ही भौतिक सुख प्राप्त होता है।

यदि किसी को पुत्र या पौत्र प्राप्ति की इच्छा हो तो, प्रति गुरूवार को कांसे या पीतल के पात्र में जल में हल्दी मिला कर मंत्र जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ाएं। यदि कोई विद्यार्थी इस उपाय को करे तो उसे उत्तम विद्या की प्राप्ति होती है। जिस जातक की कुंडली में बृहस्पति (गुरू) ग्रह अशांत हो, उसे भी यह उपाय करना चाहिए।

यदि आप शत्रुओं से होने वाली हानि से बचना चाहते हैं तो महामृत्युंजय मंत्र आपकी मदद कर सकता है। आगे बताए जा रहे इस उपाय को करने से मानसिक कष्ट भी समाप्त होते हैं और यदि कोई आपके कार्य में रुकावट बनने की कोशिश करे, तो उसका भी सर्वनाश होता है।

शत्रु से बचने के लिए शनिवार को बादाम तेल और जैतुन तेल मे गुलाब और चंदन इत्र मिलाकर एक करके चोमुखी (चार बत्ती वाला) दीपक शिव मन्दिर मे जलाकर लोहे या स्टील के पात्र में सरसो के तेल भरकर मृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ाने से मानसिक कष्ट का निवारण होता है।

इस उपाय को हर शनिवार को करने से शत्रुओं का नाश होता है, व्यापार में उन्नति या नौकरी में उन्नति होती है, धनधान्य की वृद्वि होती है, अपने कार्य क्षेत्र में राज्य की प्राप्ति होती है।

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