महादेव की नगरी काशी में गणेश चतुर्थी की धूम, भक्तों ने लगाये गणपति के जयकारे
REPORT- KASHI NATH SHUKLA/VARANASI
महादेव की नगरी काशी में गणेश चौथ के दिन भगवान गणपति के जयकारे की धूम रहती हैं। शहर के कई बड़े गणेश मंदिरों में सुबह से ही दर्शन करने वालों की लाइन लगी रहती है और भक्तों में यह मान्यता है कि भगवान गणेश के दर्शन करने से सारी मनोकामना की पूर्ति होती है। इसके साथ ही सभी बाधाएं भी दूर हो जाती हैं काशी के गणपति भगवान के प्रमुख मंदिरों में से एक है बड़ा गणेश का मंदिर।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है और बनारस में भगवान गणेश का विख्यात मंदिर है। जिसे लोग बड़ा गणेश के नाम से जानते हैं। शहर के लोहटिया में स्थित 40 खंभों पर बना यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन अर्चन और मुराद पूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।
कहा जाता है कि यहां दर्शन करने से हर मुराद पूरी होती है और गणेश चौथ के दिन इस मंदिर का विशेष महत्व होता है काशी के विद्वानों की माने तो मान्यता है कि संकष्ट चतुर्थी के दिन कृष्ण पक्ष में प्रथम देवाधिदेव भगवान गणपति का आविर्भाव हुआ था। भगवान गणेश के इस मंदिर में स्थित मूर्ति स्वयंभू हैं और यहां बंद कपाट में खास पूजा होती है जिसको देखने की अनुमति नहीं हैं।
इस मंदिर के इतिहास की बात की जाए तो यह इतिहास 2000 साल पुराना है और इनके शृंगार और दर्शन पूजन की विशेष महत्व है। मंदिर के व्यवस्थापक परिवार के सदस्य आनंद कुमार दुबे का कहना है कि काशी में 56 विनायको के प्रधान बड़ा गणेश मंदिर में गणपति भगवान के रूप में विराजते हैं।
मंदिर के पुजारी का कहना है कि यहां पर स्थित भगवान गणेश अपने दोनों धर्म पत्नियों रिद्धि और सिद्धि के साथ ही अपने दोनों पुत्र शुभ लाभ के साथ यहां विराजते हैं।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि ना सिर्फ भक्ति से बल्कि इस मंदिर का महत्व भारत के इतिहास से भी जुड़ा है इस मंदिर का जीर्णोद्धार पेशवा बाजीराव ने करवाया था जिसके बाद लोगों को यहां आकर पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति का ज्ञान हुआ भगवान गणपति के स्वयंभू मूर्ति यहां त्रिनेत्र में है।
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जो कि कहीं और देखने को नहीं मिलती कहा जाता है कि गणपति भगवान का तीसरा नेत्र ज्ञान का नेत्र हैं। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि गणपति जी की पंचामृत, पंच मेवा ,दूब और गंगा जल से पूजा करने पर भक्तो को भगवान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।
शहद ,घी,दही इन सब चीजों का भोग भगवान गणेश को बड़ा गणेश मंदिर में। लगाया जाता हैं। यहां भक्त भगवान गणपति से पुत्र प्राप्ति और परिवार में सुख-शांति के साथ दुखो से मुक्ति के लिए विशेष प्रार्थना करते हैं और ऐसी मान्यता हैं कि भगवान गणपति अपने तीसरे नेत्र से ज्ञान बताते हुए आने वाले भक्तों को सभी कष्टों से मुक्त करते हैं।