10 दिसंबर को दिल्ली की महाबैठक में तय होगा कि मोदी की सत्ता जाएगी या नहीं!

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले ‘महागठबंधन’ की तैयारी में जुटे विपक्षी दल 10 दिसंबर को यहां मिलेंगे। यह बैठक संसद के शीतकालीन सत्र और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों से एक दिन पहले होगी।

ममता बनर्जी

विपक्षी एकता को जमीन पर उतारने के पीछे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू का हाथ है, जो मोदी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव और अन्य विपक्षी दलों के नेता दिल्ली के मध्य स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में होने वाली बैठक में शिरकत कर सकते हैं।

बैठक में प्रस्तावित विपक्षी गठबंधन के प्रारूप व ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और इस पहल को आगे ले जाने के लिए अगले कदम पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

एक विपक्षी नेता ने बताया, “बैठक में मोदी सरकार के खिलाफ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से दुश्मनी निकालने के लिए आरबीआई, सीबीआई, सीवीसी और आयकर विभाग जैसे संस्थानों का दुरुपयोग और जन विरोधी नीतियों से लड़ने के लिए अगले कदम का मसौदा तैयार किया जा सकता है।”

उन्होंने कहा कि बैठक में किसानों, नोटबंदी और विवादास्पद राफेल सौदे से संबंधित मुद्दों पर संसद में सरकार को कैसे घेरा जाए, इस पर भी चर्चा की जाएगी।

तेदेपा प्रमुख नायडू ने राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, द्रमुक के एम.के. स्टालिन, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी, फारूक अब्दुल्ला, पूर्व प्रधानमंत्री व जनता दल (सेकुलर) के प्रमुख एच.डी. देवेगौड़ा और बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती से मुलाकात की थी।

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महागठबंधन के लिए होने वाली यह बैठक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले होगी।

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इन चुनावों को अगले साल होने वाले आम चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है।

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