कभी नहीं खाया होगा मछली का पापड़ और अचार, तो अब आपका यह इंतजार भी होगा खत्म

फलों, सब्जियों और मुर्गी के बाद अब आपको मछली के पापड़, अचार का भी स्वाद चखने को मिलेगा।
मत्स्य विभाग ने मत्स्य पालकों को इसका प्रशिक्षण देने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे जहां लोगों का रुझान मछली पालने में बढ़ेगा, वहीं किसान अपनी आमदनी भी बढ़ा सकेंगे।

मछली का पापड़ और अचार

मत्स्य विभाग निरीक्षक कुंवर सिंह बगड़वाल ने बताया कि क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की मछलियां पाई जाती हैं। अब तक मत्स्य पालक सिर्फ मछलियों की बिक्री करते हैं, लेकिन अब वह मछली के पापड़ और अचार बनाकर भी बेच सकेंगे। इसके लिए विभाग की ओर से विशेषज्ञ मार्च में मत्स्य पालकों को मछली के पापड़ और अचार बनाने का प्रशिक्षण देंगे।

आपके पास है ताज महोत्सव का हिस्सा बनने का मौका, सिर्फ 27 फरवरी तक
15 से 20 मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण देने की योजना
अभी 15 से 20 मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण देने की योजना है। अगर प्रयोग सफल रहा तो भविष्य में और भी मत्स्य पालकों को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे वह लोग भी लाभ ले सकते हैं, जो मत्स्य पालन नहीं करते हैं। इसका अचार और पापड़ बनाकर बाजार के अलावा होटलों और रिजॉटों में भी बेचा जाएगा। बगड़वाल के अनुसार मछली का अचार चार सौ से साढ़े चार सौ रुपये किलो तक आसानी से बिक जाएगा, जिससे मत्स्य पालकों की आय बढ़ेंगी।

बसपा सुप्रीमो ने सीटें तय करने के बाद इस पांच क्षेत्रों के प्रभारी किए घोषित

सेहत के लिए फायदेमंद होगा अचार, पापड़
मत्स्य विभाग निरीक्षक कुंवर सिंह बगड़वाल ने बताया कि मछली के अचार और पापड़ स्वाद बढ़ाने के साथ कोलस्ट्राल कम करने, आंखों की रोशनी और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने में भी फायदेमंद होते हैं। इसका प्रयोग कुमाऊं में सिर्फ नैनीताल जिले में ही पहली बार किया जा रहा है।

LIVE TV