इस साल मकर संक्रांति बचाएगी आपको शनि की साढ़े साती से
एक जगह से दूसरी जगह जाना संक्रांति होती है। आज के दिन सूर्य जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि पर पहुंचता है तो मकर संक्रांति मनाई जाती है। मकर संक्रांति को सूर्य के संक्रमण का त्योहार माना जाता है। हर साल 12 संक्राति होती हैं, लेकिन मकर संक्रांति का ज्यादा महत्व होता है। आज का दिन देवताओं का माना जाता है। कहा जाता है आज के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान और पूजन की परंपरा है।
क्यों अलग है ये मकर संक्रांति
इस साल 14 जनवरी के दिन ही मकर संक्रांति पड़ी है। मकर संक्रांति और शनिवार का दिन एक दुर्लभ संयोग है। आपको याद हो तो पिछले वर्ष मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई गई थी।
आज के दिन सूर्य देव और शनि देव दोनों को एक साथ खुश किया जा सकता है। आज सूर्यदेव ने सुबह 7 बजकर 38 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश किया है। मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त 14 जनवरी को सुबह 7 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 57 मिनट तक है।
इस संक्रांति में सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायन हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार उत्तरायन देवताओं का दिन होता है और दक्षिणायन देवताओं की रात्रि होती है। इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। उत्तरायन में मृत्यु होने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। और पापों का विनाश होता है। शनि की राशि में सूर्य का प्रवेश बहुत शुभ माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार शनि महाराज को मकर और कुंभ राशि का स्वामी बताया गया है। ऐसे में शनिवार के दिन शनि की राशि में सूर्य का प्रवेश शनि को अनुकूल और शुभ बनाने के लिए अच्छा है। इस साल 26 जनवरी से मकर राशि वालों की साढ़ेसाती शुरू होने वाली है, उनके लिए यह बहुत अच्छा मौका है शनिदेव को खुश करने का। मकर राशि के अलावा इस साल तुला, वृश्चिक, धनु राशि वालों की भी साढ़े साती रहेगी और मेष, वृष, सिंह और कन्या राशि वालों को ढैय्या लगेगी। इसलिए इन आठों राशि वालों को इस मकर संक्रांति पर शनि देव को खुश करने के उड़द दाल की खिचड़ी बनाकर दान करनी चाहिए और खुद भी भोजन के रूप में ग्रहण करना चाहिए।