मंदी का मोदी पर कितना हुआ असर, 24 अक्टूबर को हो जाएगा फैसला

आर्थ‍िक मंदी या सुस्ती की वजह से क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू फीका पड़ रहा है? या बेरोजगारी, बिक्री, उत्पादन में गिरावट जैसी अर्थव्यवस्था की तमाम नेगेटिव खबरों के बावजूद मोदी का आकर्षण कम नहीं हुआ है? इसका भी फैसला आज देश में हो रहे महाराष्ट्र और हरियाणा की कुल 378 विधानसभा और कई राज्यों के 51 विधानसभा सहित 2 लोकसभा के उपचुनाव से होगा. इस चुनाव के नतीजे इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि महाराष्ट्र और हरियाणा में करीब 1.5 करोड़ युवा वोटर वोट डालने वाले हैं.

मंदी का मोदी

 

अर्थव्यवस्था की हालत खराब  

गौरतलब है कि वैसे तो काफी समय पहले से अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर नकारात्मक खबरें सामने आ रही हैं, लेकिन इस साल मई में पीएम मोदी के नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार तो अपने गठन के समय से ही इकोनॉमी के मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना कर रही है. सरकार का गठन ही मंदी की आहट से हुआ और मोदी 2.0 सरकार के गठन के बाद एक के बाद एक इकोनॉमी को झटका देने वाली खबरें सामने आई हैं. सरकार इसे संभाल नहीं पा रही.

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मोदी 2.0 सरकार की शुरुआत ही मंदी के संकेतों से हुई और इसके 100 दिन पूरे होने पर आर्थ‍िक सुस्ती और गहरा गई. ऑटो सेक्टर, रियल एस्टेट, टेलीकॉम, वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग, स्टील, टेक्सटाइल, टी, डायमंड हर सेक्टर से नकारात्मक खबरें आ रही हैं. उत्पादन में कटौती हो रही है और नौकरियों पर कैंची चल रही है. सरकारी और निजी खर्च नहीं बढ़ रहा. कोर सेक्टर के उत्पादन, औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है. बेरोजगारी रेकॉर्ड स्तर तक पहुंची है.

 

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