मंदिर से जूते चोरी होने पर न हों परेशान, समझ लें खुलने वाली है आपकी किस्मत…

ईश्वर के द्वार यानि कि मंदिर,मस्जिद,चर्च या गुरूद्वारे में हर रोज लोगों का आना जाना लगा रहता है और इसमें कोई नई बात नहीं है। खासकर किसी पर्व या पूजा के दौरान यहां लोगों का जमावड़ा लग जाता है।

इन जगहों में अंदर जाने से पहले जूते चप्पलों को बाहर उतारकर भीतर प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है।

मंदिर से जूते चोरी होने पर न हों परेशान

वैसे तो ज्यादातर जगहों में इन्हें रखने के लिए स्टैंड बनाए जाते हैं जहां भक्त इसे रख देते हैं जबकि ऐसे भी लोगों की कोई कमी नहीं है जो बाहर खुले में चप्पल निकालकर अंदर जाते हैं।

कभी कभार स्टैंड या काउंटर न होने के चलते भी ऐसा करना पड़ता है।

खुले में जूते चप्पल रखने से हमेशा उनके खो जाने या चोरी हो जाने का डर बना रहता है। भीड़ भाड़ वाली जगहों से जूते या चप्पलों का चोरी हो जाना कोई नई बात नहीं है।

सामान्यतः किसी भी वस्तु की चोरी से हमें कुछ न कुछ आर्थिक नुकसान जरूर होता है और साथ ही अगर वह चीज नई या प्रिय हो तो दुःख का होना भी लाजिमी है।

अगर हम हिंदुओं की पौराणिक कथाओं या मान्यताओं की बात करें तो इसमें ऐसा माना गया है कि जूते या चप्पल का चोरी होना एक शुभ संकेत है और यदि यह घटना मंदिर में घटे तो यह और भी अच्छा है और यदि संयोग से उस दिन शनिवार हो तो क्या बात!

मान्यताओं के अनुसार, मनुष्य के पैरों में शनि ग्रह का प्रभाव रहता है।

ऐसे में यदि शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो तो इसके दुष्प्रभाव और भी बढ़ जाते हैं, ऐसी स्थिति में ज्योतिष किसी मंदिर में या जरूरतमंद व्यक्ति को चप्पल या जूते दान करने की सलाह देते हैं।

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माना जाता है कि शनिवार के दिन चप्पल या जूते मंदिर में दान देने से या चोरी हो जाने से शनि द्वारा होने वाले कष्टों का निवारण होता है और साथ ही साथ अन्य बुरे प्रभावों से भी मुक्ति मिलती है।

इसलिए अगर अगली बार से कभी ऐसा हो तो इस बात का बिल्कुल भी अफसोस न जताए बल्कि खुश हो जाए क्योंकि इससे आपको ही लाभ पहुंचने वाला है।

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