अपनी मजदूरी के लिए भूखहड़ताल पर बैंठेंगे 65 साल के बुर्जुग

रिपोर्ट: कुलदीप राणा आजाद

रूद्रप्रयाग । रूद्रप्रयाग के विकासखंड जखोली के ग्राम पंचायत सिलगांव में 14 वां सीसी मार्ग का निर्माण इस साल जनवरी में पूरा हो गया था। लेकिन इस काम को करने वाले करीब 44 हजार मजदूर को उनकी मजदूरी नहीं मिली। इस काम करने वालों की टोली में टोलीनायक बुजुर्ग उदय सिंह भी शामिल थे। जिसका हाल आजकल बेहाल है। वह संबंधित विभाग के रोज चक्कर ही काट रहे हैं। लेकिन अधिकारी उनकी बात सुनने तक को तैयार नहीं है।

भूखहड़ताल

जिस जिले का जिलाधिकारी अपने नेक कार्यों के लिए पूरे राज्य में लोक प्रिय हो क्या उस जिले में आप कल्पना कर सकते हैं कि 65 वर्ष के बुजुर्ग को अपनी मजदूरी पाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठना पड़ेगा। लेकिन यह हकीकत है। रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का नाम भला किसने नहीं सुना है। वे अक्सर नालों में सफाई करते हुए, पौध रोपते हुए, वेश बदलकर छापा मारते हुए और नौनिहालों के साथ मीडेमील खाते हुए अक्सर हाईलाइट हुए हैं। लेकिन उनके इस लचीलेपन और शराफती से उनका पूरा तंत्र निरंकुश हो गया है। स्थिति यह है कि एक पटवारी का चपरासी भी डीएम की सुनने को तैयार नहीं है। पूरे जिला समस्याओं से ग्रस्त है।

अब ताजा मामला जखोली के धरियांज गांव का ही ले लिजिए। यहां गरीब मजदूर उदय सिंह ने टोलीनायक के रूप में 14वां वित्त में सीसी मार्ग का निर्माण किया था। कार्य इस वर्ष जनवरी में पूरा हो गया था लेकिन 9 माह व्यतीत होने के बाद भी गरीब मजदूरों की ध्याड़ी नहीं मिली है।  अपनी ध्याडी पाने के लिए अपने गांव धरियांज से जिला मुख्यालय और फिर डीएम कार्यालय कलेक्ट्रेट के दर्जनों चक्कर काट चुके हैं। कर्ज मांग कर किराया दे रहे हैं लेकिन अधिकारियों के आगे अपने हक के लिए गिड़गिड़ा ने  के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में अब थक हार कर बुर्जुग उदय सिंह ने भूखहडताल करने का निश्चय किया है। जिलाधिकारी को सौपे ज्ञापन में उन्होंने कहा कि 10 दिन के भीतर मांग पूरी नहीं हुई तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

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उधर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि इन दिनों चार्च प्रशासकों के पास है और हाईकोट द्वारा वित्तीय पांवर पर रोक लगा रखी है जिस कारण भुगतान नहीं हो पा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर जनवरी माह में कार्य पूरा होने के 9 माह बाद तक भी क्यों भुगतान नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि पंचायत मंत्री और ग्राम प्रधान पैंसे खााने के एवज में थे जिस कारण गरीब मजदूरों की ध्याड़ी नहीं दी जा रही है। पूरे मामले में अब जिलाधिकारी ने पंचायत मंत्री से लेटलफिती का स्पष्टीकरण मांगा है। देखना है कि क्या गरीब को न्याय मिलता है या नही।

 

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