भारत के दूसरे ताजमहल के नाम से जाना जाता है इस राज्य का किला, रोचन है इसके पीछे का इतिहास

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारत का दक्षिण राज्य अपने आप में ही बेहद खास है। इस राज्य और इस स्थान की खूबसूरती देखते ही बनती है। आप यहां पर कई ऐतिहासिक और प्राचीन संरचनाओं को निहार सकते हैं। आज हम आपको इस राज्यों में स्थित किलों के बारे में बताने जा रहे हैं। कर्नाटक का बीजापुर राज्य अपनी प्राचीन धरोहर के लिए काफी जाना जाता है। इस राज्य से कई सांस्कृतिक और ऐतिहासिक किस्से जुड़े हुए हैं। इस शहर को अब विजयपुर के नाम से जाना जाता है। यह प्राचीन शहर चालुक्य के बाद यादव, दिल्ली सल्तनत के हाथों से गुजरता हुआ बहमनी के सुल्तान के अंतर्गत आ गया था। माना जाता है कि इस शहर को 10वीं और 11 वीं शताब्दी के दौरान कल्याणी के चालुक्यों ने बसाया था।

बीजापुर का किला

बीजापुर का किला, बीजापुर की महत्वपूर्ण प्राचीन संरचानाओं में से एक है, जो यहां सबसे ज्यादा देखे जाने वाले स्थलों में गिना जाता है। बीजापुर किला, आदिल शाही राजवंश के शासन के दौरान बनाया गया था, जो उस दौरान बनाई गईं ऐतिहासिक स्मारकों की उत्कृष्ट वास्तुकला शैली को प्रदर्शित करता है। बीजापुर में लगभग 200 वर्षों तक शासन करने वाले आदिल शाही सुल्तानों ने वास्तुकला का काफी विस्तार किया था। कहा जा सकता है कि प्रत्येक सुल्तानों ने इमारत बनवाने के मामले में अपने पूर्ववर्तियों से ज्यादा बढ़कर काम करने का प्रयास किया। बीजापुर और आसपास मौजूद खूबसूरत प्राचीन संरचनाओं की वजह से इस शहर को दक्षिण का आगरा भी कहा जाता है।

इतिहास

बीजापुर फोर्ट, दुर्ग और अन्य संरचनाएं शहर का इतिहास गवा करता है। इस किले का निर्माण 10वीं और 11 वीं सदी में किया गया था। पहले इस स्थान का नाम विजयपुर था। बाद में इस स्थान का नाम बदलकर बीजापुर रख दिया गया। इस किले ने यहां पर कई राजाओं का शासन देखा है कईओं को बनते देखा है तो कईओं को बिगड़ते देखा है। माना जाता है कि मुराद द्वितीय के बेट युशुफ आदिल शाह ने 1481 में सुल्तान मुहम्मद तृतीय के अंतर्गत सल्तनत के बीदर कोर्ट से जुड़े थे। शहर के इतिहास में यह काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

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