
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर अंतरिक्ष क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसरो ने आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने भारी भरकम रॉकेट एलवीएम3-एम6 के जरिए अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल के ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 कम्यूनिकेशन सैटेलाइट को सफलतापूर्वक निम्न पृथ्वी कक्षा (एलईओ) में स्थापित कर दिया।
यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) और एएसटी स्पेसमोबाइल के बीच हुए वाणिज्यिक समझौते के तहत आयोजित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य सामान्य स्मार्टफोन को स्पेस-बेस्ड हाई-स्पीड सेल्युलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है, जिससे दुनिया के किसी भी कोने में 4जी/5जी वॉयस कॉल, वीडियो कॉल, मैसेजिंग, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट का वजन लगभग 6,100 किलोग्राम है, जो एलवीएम3 रॉकेट द्वारा अब तक लॉन्च किए गए सबसे भारी पेलोड का रिकॉर्ड है। इससे पहले एलवीएम3-एम5 मिशन में करीब 4,400 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट लॉन्च किया गया था। यह सैटेलाइट अपनी 223 वर्ग मीटर की विशाल फेज्ड ऐरे एंटीना के कारण लो अर्थ ऑर्बिट में तैनात सबसे बड़ा कमर्शियल कम्यूनिकेशन सैटेलाइट भी है।
एलवीएम3 रॉकेट, जिसे ‘बाहुबली’ भी कहा जाता है, 43.5 मीटर ऊंचा तीन चरणों वाला वाहन है। इसमें दो एस200 सॉलिड रॉकेट बूस्टर, लिक्विड कोर स्टेज और क्रायोजेनिक अपर स्टेज लगे हैं। मंगलवार को शुरू हुई उल्टी गिनती के बाद रॉकेट ने निर्धारित समय पर उड़ान भरी और करीब 15-16 मिनट बाद सैटेलाइट को सफलतापूर्वक कक्षा में अलग कर दिया।
यह मिशन इसरो की कमर्शियल लॉन्च क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस सफलता से भारत वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में अपनी स्थिति और मजबूत कर रहा है।





