भारत के इस राज्य में अब तक नहीं पाएगे, कोरोना के एक भी केस…

कोरोना को खुद से दूर रखना है तो सिक्किम से सीखिए। एक तरफ देशदुनिया में कोरोना वायरस के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं तो दूसरी ओर उत्तर-पूर्व के इस पहाड़ी राज्य ने प्रशासन और अनुशासन की बेमिसाल जुगलबंदी कर अपने यहां इसकी नो एंट्री कर रखी है। सिक्किम ऐसा राज्य हैं जहां 19 अप्रैल तक कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। नगालैंड में यही स्थिति है। सिक्किम में 70 से ज्यादा संदिग्ध मामले जरूर थे, लेकिन जांच में सभी निगेटिव निकले।

27 जनवरी को ही राज्य के सभी प्रवेश केंद्रों पर स्क्रीनिंग : सिक्किम की सीमा चीन से सटी है, जहां से पूरी दुनिया में यह खतरनाक वायरस फैला, बावजूद इसके इस राज्य ने अपने यहां कोरोना वायरस को घुसने नहीं दिया। इस असाधारण सफलता की वजह स्थानीय प्रशासन की मुस्तैदी और सिक्किम के लोगों का कड़ा अनुशासन है। राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह गोले ने कहा कि चीन के साथ विस्तृत सीमा साझा करने के कारण बड़े पैमाने पर कदम उठाए गए, जिसके अप्रत्याशित परिणाम मिले। यहां प्रशासन ने देश में सबसे पहले कदम उठाया। 27 जनवरी को ही राज्य के सभी प्रवेश केंद्रों पर स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी गई।

हालिया विदेश यात्रा का ब्योरा खंगालकर उन्हें तुरंत सरकारी क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया। कम आशंका वालों को घर में ही आइसोलेट रहने के लिए प्रोत्साहित किया गया। संदिग्धों के नमूनों की तुरंत जांच कराई गई। कोरोना के बारे में सोशल मीडिया से जागरूकता फैला रहे राघव क्षेत्री ने कहा- प्रदेश में कोविड-19 का एक भी मामला नहीं आना हमारे लिए बहुत अच्छी बात है, लेकिन अभी खुशी मनाने का वक्त नहीं है। हमें और सतर्क रहने की जरूरत है। कुछ खामियों को तुरंत दूर करना जरूरी है। सिक्किम में एक भी कोरोना टेस्टिंग लैब नहीं है। यहां से नमूने उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेजे जाते हैं, इसलिए यहां लैब की जल्द से जल्द व्यवस्था की जानी चाहिए।

बेहद अनुशासित हैं सिक्किम के लोग : बाइचुंग

भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान और सिक्किम निवासी बाइचुंग भूटिया ने कहा-आप सिक्किम का इतिहास देखें तो पता चलेगा कि यहां के लोग बेहद अनुशासित हैं और कानून का पूरी तरह से पालन करते हैं। कोरोना को लेकर जो भी दिशानिर्देश जारी किए गए, सिक्किम के लोगों ने बेहद जिम्मेदारी से उनका पालन किया। दो दिन में खाली करा दिए गए सारे होटल गंगटोक के सबसे प्रमुख स्थल एमजी मार्ग पर स्थित होटल द डीजोंग के प्रबंधक अमित सिंह ने बताया-प्रशासन की तरफ से 14 मार्च को हमें दो दिन के अंदर होटल खाली करने को कह दिया गया था। हमने 15 मार्च तक हमारे यहां ठहरे सभी मेहमानों को चेकआउट करा दिया और 16-17 मार्च से होटल को पूरी तरह बंद कर दिया। भारी नुकसान के बावजूद होटल कारोबार से जुड़े सभी लोग सरकार के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं।

घर में भी अलग-अलग सो रहे लोग

पश्चिम सिक्किम के उत्तरेय इलाके के रहने वाले लिंबू ने बताया-हम लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं। हम देख रहे हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों में कुछ लोग लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं, जो बेहद  अफसोसजनक है। गंगटोक के सूरज दरजी ने बताया-सिक्किम में गंदगी नहीं है, इसलिए भी कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा कम है।

सरकार ने बहुत पहले ही मुस्तैदी दिखाई

राजधानी गंगटोक के विधायक वाई टी लेपचा ने जागरण को बताया-राज्य सरकार ने बहुत पहले ही मुस्तैदी दिखाई। मुख्यमंत्री से लेकर निचले स्तर तक के सभी सरकारी कर्मचारियों ने एकजुट होकर काम किया। लोगों ने भी बिना सख्ती दिखाए लॉकडाउन का पालन किया। इस पहाड़ी राज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर है, इसके बावजूद सरकार ने राजस्व की परवाह न करते हुए देश में कोरोना के मामले आने शुरू होने के साथ ही यहां विदेशी सैलानियों के आने पर रोक लगा दी।

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