भारत की सबसे बड़ी कंपनी मुंबई ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन में अचानक लगी भीषण आग…

भारत कि सबसे बड़ी कम्पनी मुंबई ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन के प्लांट में अचानक भीषण आग लग गयी हैं. वहीं देखा जाए तो ओएनजीसीको एक बड़ा झटका लगा हैं.  बतादें कि इसके पास देश भर में 3 प्लांट और 13 प्रोसेस कोम्प्लेस हैं .

खबरों के मुताबिक इसके स्वामित्व में 25 हजार किलोमीटर लम्बी पाइपलाइन है जिसका संचालन यह खुद करती है. यानी इसके पास देश के सबसे लंबे हाइवे एनएच 44 (श्रीनगर से कन्याकुमारी) से भी 6.6 गुनी ज्यादा लंबी पाइपलाइन है.

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जहां कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण लगभग 1.551 लाख करोड़ रुपये है. ONGC भारतीय घरेलू उत्‍पादन का लगभग 73% का योगदान करती है और कच्चे तेल की कुल आवश्यकता का लगभग 30% उत्पादन करती है.

इसकी सहायक कंपनी ओएनजीसी विदेश, भारत की सबसे बड़ी अंतरराष्‍ट्रीय तेल और गैस कंपनी है. ओएनजीसी विदेश की 20 देशों- अजरबेजान, बांग्‍लादेश, ब्राजील, कोलंबिया, इराक, इजराइल, ईरान, कजाकिस्‍तान, लीबिया, मोजाम्बिक, म्‍यांमार, नामीबिया, रूस, दक्षिणी सूडान, सूडान, सीरिया, यूनाइटेड अरब अमीरात, वेनेजुएला, वियतनाम और न्‍यूजीलैंड में 41 परियोजनाओं में भागीदारी है.

ओएनजीसी ने, भारत में 7 तेल और गैस उत्‍पादनशील बेसिनों में से 6 की खोज की है. भारत में सबसे बड़ी कंपनी ने 8.70 बिलियन टन हाइड्रोकार्बन आरक्षित भंडार स्‍थापित किए हैं. इसे, घरेलू एकड़ेज से, तेल जमा तेल समतुल्‍य गैस के 3.2 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कच्‍चे तेल और 645 बिलियन घन मीटर (सीबीएम) प्राकृतिक गैस गैस का उत्‍पादन किया है.

इस कंपनी के पास भारत में हाइड्रोकार्बन एकड़ेज का सबसे बड़ा हिस्‍सा है (पीईएल क्षेत्रों में 61 प्रतिशत और एमएल क्षेत्रों में 81 प्रतिशत). ओएनजीसी के पास कुल भारतीय प्रोसेसिंग क्षमता का लगभग 10 फीसदी हिस्सा है.

वहीं कंपनी की शुरुआत छह दशक पहले 343 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी के साथ हुई थी और तब से कंपनी ने नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का सृजन किया है. ऑयल ऐंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शशि शंकर ने हाल में पत्रकारों को बताया था कि कंपनी ने नयी ‘ऊर्जा रणनीति 2040’ को अपनाया है. इसके साथ ही कंपनी अपनी संपत्ति में और वृद्धि के लिये नये रास्ते पर आगे बढ़ रही है.

दरअसल कंपनी का 31 मार्च 2019 को समाप्त वर्ष में कुल कारोबार 1,09,654 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 26,715 करोड़ रुपये रहा. शशि शंकर ने कहा कि 2040 तक कंपनी का गैस उत्पादन बढ़कर 40 अरब घनमीटर तक पहुंचने का अनुमान है. वर्ष 2024 में इसके 32 अरब घनमीटर तक पहुंचने की उम्मीद है.

कंपनी ने 2018-19 में 2.42 करोड़ टन कच्चे तेल का उत्पादन किया जबकि इसी वर्ष 25.81 अरब घनमीटर प्राकृतिक गैस का भी उत्पादन किया. इसके अलावा विदेशी संपत्तियों से भी एक करोड 01 लाख टन कच्चा तेल और 4.7 अरब घनमीटर गैस का उत्पादन भी किया.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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