भारत और श्रीलंका का मछुआरों को रिहा करने का फैसला

भारत और श्रीलंकानई दिल्ली। भारत और श्रीलंका ने सोमवार को एक दूसरे के हिरासत में रखे गए मछुआरों को शीघ्र रिहा करने की घोषणा की। यह घोषणा भारतीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और श्रीलंका के मत्स्य और जल संसाधन विकास मंत्री महिंदा अमरवीरा के बीच हुई बातचीत के बाद की गई।

दोनों पक्षों ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) स्थापित करने पर सहमति जताई। इसमें कानूनी और औपचारिक प्रक्रियाओं के पालन के बाद एक दूसरे के हिरासत में लिए गए मछुआरों को रिहा करने और सौंपने के कार्य में तेजी की बात कही गई।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “मंत्री स्तरीय बातचीत के बाद वर्तमान में हिरासत में मछुआरों को शीघ्र जारी करने की घोषणा की गई।”

श्रीलंका नियमित तौर पर अपने जल क्षेत्र में अवैध शिकार पर भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लेता है और उनकी जहाज जब्त कर लेता है। दोनों देश एक संकरी समुद्री पट्टी से बंटे हुए हैं। कुछ श्रीलंकाई मछुआरे भारतीय जेलों में हिरासत में हैं।

यह बातचीत 31 दिसंबर को नई दिल्ली में मत्स्य पालन पर हुई संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठक के बाद हुई है।

दोनों देशों ने जब्त की गई मछली पकड़ने की नौकाओं के जारी करने पर भी चर्चा की।

बयान में कहा गया, “भारतीय पक्ष ने जल्द भारतीय मछली मारने की नौकाओं को छोड़ने का अनुरोध किया। श्रीलंकाई पक्ष ने इस अनुरोध पर जेडब्ल्यूजी की प्रक्रिया के तहत विचार की सहमति दी।”

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