भारत ने मारी ऐसी लाइन कि एक साथ चार मुस्लिम देशों की उड़ गयी नींद

भारतीय रेलनई दिल्‍ली। चीन की राह पर चलते हुए भारतीय रेल अंतरमहाद्वीपीय कंटेनर ट्रेन चलाने की परियोजना पर काम कर रहा है। यह ट्रेन पांच देशों- बांग्लादेश,  भारत,  पाकिस्तान,  ईरान और तुर्की से होकर गुजरेंगी। कंटेनर ट्रेन ढाका-कोलकाता-दिल्ली-इस्लामाबाद-तेहरान और इंस्ताबुल होकर गुजरेगी जो 6000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस रूट को ITI-DKD के नाम से जाना जाएगा। इससे आने वाले दिनों में इन देशों में बेरोजगारी की समस्या बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है।

भारतीय रेल गुजरेगी 5 देशों से, 6000 KM का करेगी सफर तय

एक खबर के अनुसार भारतीय रेलवे ने 15-16 मार्च को होने वाले उच्चस्तरीय बैठक में साउथ एशियन रेलवे के प्रमुखों को बुलाया है। पाकिस्तान रेलवे के मुखिया जावेद अनवर भी इस बैठक में आमंत्रित हैं। पाकिस्तान के साथ सिर्फ एक दिक्कत है। पाकिस्तान दिल्ली से लाहौर वाया अटारी तक मालगाड़ी और यात्री गाड़ियों को जाने की इजाजत देता है, लेकिन सुरक्षा कारणों से इस रूट पर कंटेनर ट्रेनों पर पांबदी लगाए हुए है। हालांकि भारतीय अधिकारियों का कहना है कि यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। भारत ने पिछले साल रेलवे मंत्रालय और कंटेनर कारपोरेशन ऑफ इंडिया की हाईलेवल टीम बांग्लादेश भेजी थी। यह टीम प्रस्तावित रूट में होने वाली कठिनाईयों का अध्ययन कर रही है।

चीन से लंदन तक चली मालगाड़ी

पिछले महीने चीन ने यूरोपीय देशों के साथ अपने कारोबारी रिश्तों को मजबूत करने के लिए लंदन तक गुड्स ट्रेन (मालगाड़ी) चलाई है। ये ट्रेन कज़ाकिस्तान,  रूस,  बेलारूस,  पोलैंड,  जर्मनी,  बेल्ज़ियम और फ्रांस से गुजरते हुए लंदन तक पहुंची। करीब 12000 किलोमीटर की दूरी को तय करने में ट्रेन 18 दिन का समय लिया। चीनी मीडिया का दावा है कि एयर सर्विस के मुकाबले इसके ज़रिए सामान भेजना 50 फीसदी सस्ता होगा, जबकि समुद्री रास्ते के मुक़ाबले आधा समय भी बचेगा।

दुनिया के 4 सबसे लंबे ट्रेन रूट

दुनिया में सबसे लंबे रूट पर ट्रेन चलाने का रिकॉर्ड चीन के नाम है। पूर्वी चीन के यिवु शहर से स्पेन की राजधानी मेड्रिड तक एक मालगाड़ी चलती है और ये दूरी 13 हज़ार किलोमीटर की है। चीन 2016 में ईरान की राजधानी तेहरान और चीन के शहर यिवु के बीच रेल रूट की शुरुआत कर चुका है। इस रूट पर चलने वाली मालगाड़ी को करीब 10 हज़ार 400 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है और इसमें उसे 14 दिनों का वक्त लगता है। दुनिया का तीसरा सबसे लंबा ट्रेन रूट रूस की राजधानी मास्को से उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग तक का है। मास्को से प्योंगयांग तक जो ट्रेन चलती है, वो 10 हज़ार 214 किलोमीटर का सफर तय करती है। इस दूरी को तय करने में इस ट्रेन को करीब 8 दिन का का समय लगता है। ट्रांस साइबेरियन रूट के नाम से मशहूर मॉस्को से व्लादीवोस्तोक तक का सफर करने में ट्रेन 1 या 2 दिन नहीं बल्कि पूरे 6 दिनों का समय लेती है। रूस के मॉस्को से व्लादीवोस्तोक की दूरी 9258 किमी की है।

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