250 भाषाओं वाला मोबाइल एप, जानिए इसकी खूबियां

भारतवाणीलखनऊ। जो लोग अंग्रेजी न जानने के कारण इंटरनेट पर अपने मनमाफिक जानकारी नहीं हासिल कर पाते थे, उनके लिए भारतवाणी एप ने दस्‍तक दे दी है। इस एप और पोर्टल की खासियत यह है कि इसमें 250 भारतीय भाषाओं के शब्‍दकोश शामिल हैं। इस वेब पोर्टल और एप को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने भारत सरकार के सहयोग से बनाया है। बुधवार को लखनऊ में केन्‍द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्‍मृति ईरानी ने इस एप को जनता को समर्पित किया।

देश में 40 करोड़ से अधिक लोग हिन्‍दी  में काम करते हैं लेकिन इंटरनेट पर एक फीसद से कम जानकारी हिन्‍दी  में मिलती है। भारत के इतिहास में पहली बार तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इस वेब पोर्टल के जरिए देश की विरासत को दुनिया के सामने लाया गया है।

एप का विकास करने वाले भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर के निदेशक अवधेश कुमार मिश्र के अनुसार यह पोर्टल व ऐप देश की सबसे बड़ी बहुभाषी डिक्शनरी है। इसके माध्यम से भारतीय भाषाओं का सबसे बड़ा डिजिटल प्लेटफार्म तैयार हुआ है।

एप में अभी 22 भारतीय भाषाओं के शब्दकोष जोड़े गए हैं। एक साल के भीतर इसमें 250 भाषाओं के शब्दकोष शामिल हो जाएंगे।

भारतवाणी की खासियत

भारतवाणी एक ऐसा पोर्टल है, जो सभी भाषाओं के साहित्य, कला और संस्कृति को प्रकाशित करेगा। इसमें हर भाषा से जुड़ी सामग्री उपलब्ध रहेंगी

यह मोबाइल ऐप है। इससे एक प्लेटफार्म के नीचे सभी भाषाओं से जुड़ी हर साहित्य और सामग्री अपलोड की जाएंगी।इस ऐप में 40 भाषाओं की डिक्शनरी है। इसे साल के अंत तक बढ़ाकर 100 भाषाओं का किया जाएगा।

भारतवाणी को पाठ्य पुस्तक, कोष, ज्ञान कोष, शब्द कोष, भाषा कोष और सूचना प्रौद्योगिकी कोष 6 भागों में बांटा गया है।अभी इस पोर्टल पर 22 भाषाओं से जुड़ा कंटेंट उपलब्ध है।

दिसंबर के अंत तक इसमें 100 अन्य भाषाओं को भी शामिल कर लिया जाएगा।इसमें किसी भी भाषा में लिखने पर मनचाही भाषा में ट्रांसलेशन किया जा सकेगा। यही नहीं इसे किसी भी भाषा में लिखकर ट्विटर और फेसबुक पर शेयर भी किया जा सकता है।

भारत में 1535 मातृभाषाएं हैं और पूरी दुनिया मानती है कि बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाया जाना चाहिए। यह पोर्टल इस दिशा में भी मददगार साबित होगा। 1980 में नासा के वैज्ञानिक ने संस्कृत को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए सर्वश्रेष्ठ भाषा करार दिया था।

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