भाजपा विधायक ने स्टिंग कर पकड़ा भ्रष्टाचार, शुरू हुई उत्तम प्रदेश बनने की कवायद

भाजपा विधायकलखनऊ। पयागपुर के नवनिर्वाचित भाजपा विधायक सुभाष त्रिपाठी के ‘स्टिंग’ में सीडीओ राकेश कुमार फंस गए। बुधवार को विधायक ने अधिकारियों के सीयूजी नंबर मिलाने शुरू किए तो सीडीओ का फोन दो बार कॉल करने पर भी नहीं रिसीव हुआ। तीसरी बार में उन्होंने फोन रिसीव कर खुद को अवकाश पर बताया और जिन डीडीओ पर अपना प्रभार बताया, उनसे बात करने पर पता चला कि वह हाई कोर्ट में काम से गए थे। लिहाजा इसे लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया। विधायक ने डीएम व कमिश्नर के भी फोन घनघना दिए। विधायक का कहना है कि अवकाश पर सीयूजी फोन प्रभारी अधिकारी के पास रहना चाहिए।

पयागपुर विधायक का कहना है कि जब अफसर ही फोन नहीं उठाएंगे तो जनता का काम कैसे होगा। विधायक ने सीडीओ की बात करने की शैली पर भी सवाल उठाए। उनके मुताबिक जब उन्हें जानकारी हुई कि सीडीओ का प्रभार डीडीओ के पास है, तो उनको फोन किया तो उन्होंने बताया कि वह हाई कोर्ट में हैं। विधायक ने बताया कि मंडलायुक्त ने इस मामले में जवाब- तलब करने की बात कही है, लेकिन मनमानी तरीके से सीयूजी फोन साथ में ले जाने वाले अधिकारी की मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल नहीं की।

विधायक का आरोप है कि अभी भी अधिकारियों का रवैया नहीं बदला है। इस मामले में डीएम से आख्या तलब की गई है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। यह आख्या भाजपा विधायक सुभाष त्रिपाठी की शिकायत पर तलब की गई है।

डीएम अजयदीप सिंह ने बताया कि कुछ चीजें व्यवहारिक होती हैं। एक दिन के अवकाश पर सीयूजी किसी और को अमूमन अफसर देते नहीं हैं। सीडीओ अवकाश पर थे। डीडीओ को चार्ज दे गए थे। डीडीओ हाई कोर्ट से तीन बजे तक वापस लौट आए। विधायक का फोन आने के बाद मैंने सामान्य निर्देश दिए हैं कि कोई भी अफसर अवकाश पर जाता है तो सीयूजी प्रभार देने वाले अधिकारी को देकर जाए।

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