नीरव मोदी ने दी भारत सरकार को ऐसी चुनौती, जिसे जान बीजेपी के छूटे पसीने

नीरव मोदी ने कोर्ट को बताया कि उसने जो भी ट्रांजेक्शन किए, वे सभी दीवानी प्रक्रिया के तहत आते हैं और यह यह कोई आपराधिक जुर्म नहीं है।

नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चोकसी दोनों पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब 13 हजार करोड़ रुपए के फ्रॉड के आरोपी हैं।

नीरव मोदी

दोनों इस समय देश से बाहर रह रहे हैं। भारत सरकार की कोशिश है कि इन्हें प्रत्यर्पित कर इन पर मुकदमा चलाया जाए।

भारत सरकार की एजेंसियों ने देश में मौजूद इनकी करोड़ रुपए की संपत्तियों को जब्त किया है।

इन्होंने अपनी संपत्तियों को जब्त करने से रोकने के लिए कोर्ट में अपील भी दायर की है।

पीएमएलए कोर्ट भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) की धारा 2एफ के तहत सबूत के आधार पर नीरव मोद को आर्थिक अपराधी करार दे सकता है।

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इस कानून के मुताबिक जो व्यक्ति अपराध करने के बाद देश छोड़ गया हो और जांच के लिए कोर्ट में हाजिर न हो रहा हो, जिसके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हो चुका हो लेकिन विदेश भागने के कारण वह हाजिर न हो रहा हो, उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी ठहराया जा सकता है।

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