भगवान शिव का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर, जो कभी नहीं हो पाया पूरा

आज हम आपको एक ऐसे रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जो अपने आप में ही अनोखा है. वैसे इस देश के मंदिर अपने अपने रहस्य के लिए जाने जाते हैं. ऐसे ही एक मंदिर है जिसे विश्व का सबसे बड़ा और प्राचीन​ शिव मंदिर बताया जा रहा है.

यह भगवान शिव का अधूरा मंदिर है इस मंदिर को भोजपुर शिव मंदिर या भोजेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. आइये जानते हैं इसके बारे में क्या रहस्य है.

भोजेश्वर मंदिर

उत्तर भारत का सोमनाथ भी कहा जाता है. यह मंदिर चिकने लाल बलुआ पाषाण के एक ही पत्थर से बनाया गया है.इस मंदिर से जाने के लिए आपको पश्चिम दिशा में उपस्थित सीढ़ियों के उपर से जाना पड़ेगा इस मंदिर के गर्भगृह के दरवाजों के दोनों साइड में गंगा देवी और यमुना देवी की मूर्तियां लगी हुई हैं.

अगर आप भी जाना चाहते हैं तो जानकारी दे दें, यह मंदिर भोजपुूर की पहाड़ीयों पर स्थित है यह तकरीबन 115 फीट लंबा, 82 चौड़ा और 13 फीट ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है.

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यह बहुत ही ज्यादा प्राचीन इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज ने सन् 1010 ई से 1055 ई मे किया गया था.

ऊंचाई चालीस फीट से भी ज्यादा बताई जा रही है इसके गर्भगृह के विशाल शीर्ष स्तंभ पर भगवानों के जोड़े – शिव-पार्वती, ब्रह्मा-सरस्वती, राम-सीता एवं विष्णु-लक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित हैं. इस मंदिर की मान्यता के चलते दर्शन करने के लिए दूर दूर से हजारों भक्तों रोजाना आते है .

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