बड़ी ख़बर : हो सकता है इन 4 बड़े बैंकों का विलय !…  

लोकसभा चुनाव 2019 के रिजल्ट आते ही बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. सरकार देश के चार बड़े बैंकों के विलय पर मुहर लगा सकती है.

ये चारों सरकारी बैंकों के विलय से ग्राहकों पर भी असर पड़ेगा. इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय हुआ था.

दरअसल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC), आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय हो सकता है. खबरों की मानें तो अगले 3 महीने में विलय प्रक्रिया पर फैसला लिया जा सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक नई केंद्र सरकार पंजाब नेशनल बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और आंध्रा बैंक और इलाहाबाद का विलय करने जा रही है.

हालांकि सरकार की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है. लेकिन केंद्र सरकार का मानना है कि जितने कम बैंक होंगे, कामकाज उतने बेहतर होंगे.

पीएनबी में इलाहाबाद बैंक, OBC, और आंध्रा बैंक के विलय का असर इन बैंकों के खाताधारकों पर भी पड़ेगा. हालांकि इन बैंकों के ग्राहकों को कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा, क्योंकि मर्जर से पहले बैंक अपने सभी ग्राहकों को सूचित करेगा.

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इन बैंकों में खाताधारकों को केवल अपने अकाउंट अपडेट कराने के लिए बैंक के चक्कर काटने पड़ सकते हैं. क्योंकि पीएनबी में विलय के बाद इलाहाबाद बैंक, OBC, और आंध्रा बैंक के खाताधारकों को नए चेकबुक और पासबुक जारी किए जाएंगे.

हालांकि ऐसे मौकों पर बैंक की ओर से ग्राहकों की समस्या दूर करने के लिए अलग से हेल्प डेस्क बनाए जाते हैं. क्योंकि विलय के बाद ग्राहकों के चेकबुक, पासबुक के अलावा नए ATM कार्ड भी जारी किए जाएंगे. जिससे ग्राहकों का थोड़ा पेपरवर्क बढ़ जाएगा.

इलाहाबाद बैंक, OBC, और आंध्र बैंक का PNB में विलय के बाद ग्राहकों को केवाईसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा. हालांकि बैंकों के विलय से ग्राहकों के लोन पर कोई असर नहीं होगा और उस पर पहले की तरह ब्याज लगेगा.

पीएनबी का मुख्यालय दिल्ली में है, वहीं ओबीसी का गुरुग्राम में है. गौरतलब है कि हाल ही विजया बैंक और देना बैंक के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है. फिलहाल बैंकों की संख्या 21 से घटकर 18 हो गई है.

 

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