ब्रिक्स देशों के मंत्रियों ने आतंकवाद का वित्तपोषण रोकने का मुद्दा उठाया

ब्रिक्स विदेश मंत्रियोंबीजिंग: पाकिस्तान या किसी अन्य देश का नाम लिए बिना ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने यहां सोमवार को उन देशों से आतंकवादियों का समर्थन और वित्तपोषण रोकने के लिए कहा जिन पर ऐसा करने के आरोप लगते रहे हैं। ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में इस मुद्दे को भारत ने उठाया था।

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ब्रिक्स  के सदस्य देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रियों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि कुछ ब्रिक्स देशों में ‘निरंतर आतंकवादी हमले’ हो रहे हैं। बयान में कहा गया कि ‘आंतकवाद के सभी तरह के रूपों और अभिव्यक्तियों की भर्त्सना की जाती है।’

ब्रिक्स विदेश मंत्रियों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ब्रिक्स राष्ट्रों के एकजुटता और संकल्प की पुष्टि की और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक व्यापक अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी गठबंधन स्थापित करने और अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी सहयोग में संयुक्त राष्ट्र की समन्वय भूमिका का समर्थन करने को कहा।

बयान में कहा गया, “आतंकवादी नेटवर्कों के वित्तपोषण और अपने क्षेत्रों से आतंकवादी कार्रवाई को रोकने के लिए वे सभी देशों को अपनी जिम्मेदारी की याद दिलाते हैं।”

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इससे पहले भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि पांच राष्ट्रों के समूह को आतंकवाद विरोधी उपायों पर सहयोग करने की जरूरत है।

भारत संयुक्त राष्ट्र से आग्रह करता रहा है कि भारत में कई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड और पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादी मसूद अजहर के खिलाफ प्रतिबंध लगाए और उसे अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी नामित करे। अजहर साल 2016 में पंजाब के उड़ी में भारतीय सैन्य अड्डे पर किए गए आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड है। इस हमले में कम से कम 7 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी।

लेकिन, चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के इस प्रस्ताव को पारित होने से रोक दिया था।

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