बैंकों को मिली माल्या पर ‘विजय’, समझौते के लिए छटपटाया लिकर किंग

विजय माल्याि नई दिल्ली विजय माल्‍या प्रकरण पर इसे सरकार की घेराबंदी कहें या बैंकों का आक्रामक रुख, लेकिन यह जो भी है अच्‍छा है कि बैंकों की डूबी रकम उन्‍हें वापस मिल जाएगी। सरकारी बैंकों का कारीब 9000 करोड़ रुपये लेकर फुर्र हुए विजय माल्या ने ट्वीट करके बैंकों से समझौते की बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया है कि वह बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के लिए एकमुश्त समझौता करने को तैयार हैं।

उन्होंने लिखा है कि सार्वजनिक बैंको में एक बार में ही सारा कर्ज चुकाने का प्रवाधान है। सैकड़ों कर्जदारों ने इस नियम के तहत कर्ज चुकाया है फिर क्या वजह है कि उन्हें ऐसा करने से रोका जा रहा है। मालूम हो कि हाल ही में बैंकों ने एक समूह बनाकर भगौड़े विजय माल्‍या के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

इसी क्रम में बैंकों ने अपने कर्ज की वसूली के लिए किंगफिशर हाउस की चौथी बार नीलामी की थी। हलांकि किन्‍हीं कारणों से यह नीलामी सिरे नहीं चढ़ पाई। लेकिन बैंक भारी दबाव में हैं कि किसी तरह रकम की वसूली की जाए।

बैंकों के इसी आक्रामक रुख को देखते हुए माल्या ने सुप्रीम कोर्ट से भी हस्तक्षेप करने को कहा है। उन्होंने लिखा कि बैंकों ने ‘हमारे प्रस्ताव को बिना देखे-विचारे ही खारिज कर दिया। मैं उचित तरीके से समझौता करने को तैयार हूं। साथ ही उन्होंने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी पर भी नाराजगी जताई और कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दिए गए उनके सभी बयान से यह साबित हो जाता है कि वे पूरी तरह मेरे खिलाफ हैं।

मालूम हो कि विजय माल्‍या ने खुद को विलफुल डिफाल्‍टर घोषित कर दिया और सरकारी बैंकों की ओर से दिए गए करीब 9000 करोड़ रुपये लेकर इंग्‍लैंड फरार हो गए। माल्‍य ने अपनी सारी संपत्‍ति अपने बेटों के नाम कर रखी है।

ऐसे में बैंकों को वसूली करने में उनकी जहां तहां पड़ी संपत्‍ति को बेचने के सिवा कोई चारा नहीं है। वहीं अपने आप को डिफाल्‍टर घोषित करने के बाद उनकों एक डील से मिले करोड़ों डॉलर पर भी कानूनी शिकंजा कस सकता है। ऐसे में माल्‍य को बकाएदारों से समझौता करने में ही अपनी भलाई नजर आ रही है।

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