बेगुसराय से गिरिराज सिंह ने कन्हिया कुमार को दी बड़ी शिकस्त…

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) की मतगणना में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के फायरब्रांड नेता व केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने बेगूसराय में भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (CPI) के कन्‍हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को बड़ी शिकस्‍त दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आइकॉन बनकर उभरे कन्‍हैया के करण इस सीट पर पूरे देश की नजर थी। गिरिराज सिंह अपने बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहे हैं। कई बार तो उनके बयानों का विरोध राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों तक ने किया। अब जीत केबाद एनडीए व पार्टी में उनका राजनीतिक कद बढ़ना तय है

गिरिराज सिंह


कन्‍हैया को शिकस्‍त देने के बाद बिहार की सियासत में गिरिराज सिंह स्‍टार बन उभरेंगे, यह तय है। कन्‍हैया से जंग के कारण गिरिराज की चर्चा पूरे देश में हो रही है। हालांकि, यह भी तथ्‍य है कि वे बेगूसराय से चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे। उन्‍हें इसका भी मलाल था कि उनसे बिना पूछे उनकी लोकसभा सीट क्‍यों बदल दी गई। लेकिन अब ये बातें इतिहास का हिस्‍सा हैं।
अब उनकी जीत के साथ एक नया कयास हवा में है कि क्‍या बढ़े सियासी कद के साथ वे नई सरकार में कैबिनेट मंत्री बनेंगे? इस बाबत गिरिराज कहते हैं कि वे पार्टी के सिपाही हैं, पार्टी के आदेश का पालन करेंगे।

बेगूसराय में बीजेपी के गिरिराज सिंह का मुकाबला सीपीआइ के कन्‍हैया कुमार व आरजेडी के तनवीर हसन से है। कन्‍हैया को बीजेपी विरोधी वोटों पर भरोसा रहा। उन्‍होंने गिरिराज के खिलाफ स्‍थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा भी उठाया। उधर, बेगूसराय में यादव और मुसलमान वोटरों की निर्णायक हैसियत को देखते हुए तनवीर हसन को आरजेडी के परंपरागत एम-वाइ (मुस्लिम-यादव) समीकरण के वोट मिलने की उम्‍मीद रही। लेकिन लगता है कि तमाम समीकरणों पर बीजेपी का राष्‍ट्रवाद का मुद्दा भारी पड़ा है।

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बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया में जन्‍में व पले-बढ़े गिरिराज सिंह 2002 में पहली बार बिहार विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) बजे। वे 2008 से 2013 के बीच बिहार की नीतीश कुमार सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। आगे 2014 में बीजेपी ने उन्‍हें बिहार के नवादा से लोकसभा चुनाव में उतरा। वहां उन्होंने जीत दर्ज की। साल 2014 में सांसद बनकर गिरिराज सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब दो साल बाद राज्य मंत्री बना दिया।

गिरिराज सिंह अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। गिरिराज ऐसा नहीं मानते, लेकिन उनके कई विवादित बयानों से अल्‍पसंख्‍यकों की भवनाएं भड़कती रहीं हैं। चाहे किसी को पाकिस्तान परस्त कहने की बात हो या पाकिस्तान भेजने व वहां पटाखे जलाने की, उनके कई विवादित बयान सुर्खियां बटोरते रहे हैं।
गिरिराज के विवादित बयानों से पार्टी भी नाराज होती रही है। उनके बयानों से एनडीए के घटक दलों ने भी आलोचना की है।
गिरिराज सिंह भी नीतीश कुमार और सुशील मोदी सहित कई एनडीए नेताओं के विरोध में बयान देते रहे हैं। हालिया लोकसभा चुनाव में सीट बदले जाने पर उन्‍होंने कई बीजेपी नेताओं को आड़े हाथों लिया था। साल 2013 में उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि वे जलन के चलते नरेंद्र मोदी पर हमला कर रहे हैं।

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