बुलन्दशहर ज़िला अस्पताल में बेड से नीचे गिरकर तड़पता रहा मरीज, सोता रहा अस्पताल प्रशासन

REPORT- कपिल सिंह/बुलंदशहर

यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के सीएम योगी के तमाम प्रयासों के बीच यूपी के स्वास्थ्य महकमों से आए दिन ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं, जो स्वास्थ्य विभाग को सवालों के घेरे में ला खड़ा करती हैं।

ताजा मामला यूपी के बुलन्दशहर ज़िला अस्पताल के मैडिकल वार्ड में देखने को मिला, जहां इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती एक युवक तड़पकर सर्जिकल बैड से नीच गिर गया, और पीड़ित घण्टों तक अस्पताल के फर्श पर पड़ा दर्द से तड़पता रहा.

तड़पता रहा मरीज

लेकिन अस्पताल में तैनात मैडिकल स्टाफ ने ना तो उसका हाल जानने की जहमत उठाई, और ना ही पीड़ित को फर्श से उठाकर वापस बैड पर लिटाना ही बेहतर समझा।

आपकी टीवी स्क्रीन पर ये तस्वीर उसी दौरान की हैं, तस्वीरों में देखा जा सकता है कि किस तरह पीड़ित दर्द से तड़प रहा है, लेकिन ना तो यहां कोई डॉक्टर है, और ना ही मैडिकल स्टाफ़, हालांकि जब पीड़ित देर तक फर्श पर पड़ा दर्द से तड़पता रहा तो अस्पताल में भर्ती बाक़ी मरीजों के तीमारदारों ने पीड़ित को फर्श से उठाकर वापस सर्जिकल बैड पर लिटाया।

वार्ड में मौजूद लोगों ने बताया कि पीड़ित युवक के साथ कोई तीमारदार नहीं है, जबकि पीड़ित की हालत भी बिल्कुल ठीक नहीं है, प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पीड़ित पिछले कई दिनों से बुलन्दशहर ज़िला अस्पताल के मैडिकल वार्ड में ही भर्ती है, और पीड़ित दर्द से तड़पते हुए कई बार बैड से फर्श पर गिर जाता है.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यहां मौजूद बाकि लोग ही पीड़ित की मदद कर रहे हैं, लेकिन धरती के भगवान कहेजाने वाले डॉक्टरों का दिल पीड़ित के इस दर्द को देखने के बाद भी बिल्कुल नहीं पसीजा।

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वहीं इस प्रकरण पर जब हमारी टीम ने बुलन्दशहर के सीएमओ से बात करनी चाही, तो सीएमओ साहब अपने ऑफिस में नहीं पाए गए।

यहां ये भी गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं जब बुलन्दशहर के किसी सरकारी अस्पताल से डॉक्टरों का अमानवीय चेहरा सामने आया हो.

खैर अब देखने वाली बात ये होगी कि सीएमओ साहब इन तस्वीरों को देखने ले बाद मैडिकल वार्ड में तैनात स्टाफ को किसी तरह की कोई चेतावनी देते भी हैं, या नहीं ?

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