बुलंदशहर दारोगा हत्याकांड: चिता पर लेट गए बेहनोई, बिलखते हुए कहा ‘मुझे भी जला दो’

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के छतारी में शहीद सब इंस्पेक्टर प्रशांत यादव को बीते दिन यानी गुरुवार को नम आंखों के साथ अंतिम विदाई दी गई। अंतिम संस्कार के दौरान लोगों का तांता लगा रहा। इस दौरान गोली लगने से हुई प्रशांत यादव की मौत से आक्रोशित लोगों ने ‘यूपी पुलिस बदला लो’ के नारे लगाए व प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई। जिसके बाद ढाई वर्ष के पार्थ ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। उस नन्हे मासूम को कुछ अंदाजा नहीं था कि वह क्या कर रहा है लेकिन जो लोग उसे करने के लिए कह रहते थे उसे वह चुरचाप करता जा रहा था। जब नन्हे पार्थ ने पापा पापा पुकारते हुए मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे भर आईं।

आपको बता दें कि तारी के मोहल्ला जनकपुरी से दोपहर करीब एक बजे शहीद दरोगा प्रशांत यादव की उनके आवास से अंतिम यात्रा प्रारंभ हुई। जिसे उनके परिजनों व आगरा से आए साथियों के द्वारा कंधा दिया गया। वहीं अपने पापा को अंतिम विदाई देने के लिए मासूम पार्थ भी उन सभी के साथ चलता रहा। प्रशांत यादव कि अंतिम यात्रा के दौरान लोगों का हुजूम सड़कों पर उतर आया। शमशान घाट पहुंचते ही रिश्तेदारों ने प्रशांत के बेटे पार्थ को मुखाग्नि देने के लिए आगे किया। इस दौरान वहां मौजूद प्रशांत के बेहनोई विलखते हुए चिता पर ही लोटपोट हो गए। चीखते हुए कहने लगे कि मुझे भी प्रशांत के साथ जला दो। इस पर वहां मौजूद प्रशांत के साथियों व अन्य रिश्तेदारों ने उन्हें समझाते हुए वहीं से हटा दिया।

दूसरी तरफ प्रशांत यादव को आश्वसन देने के लिए कई प्रभारी मंत्री/ परिवहन मंत्री स्वतंत्र प्रभार अशोक कटारिया, राज्य मंत्री अनिल शर्मा, जिलाधिकारी रविंद्र कुमार, एसएसपी संतोष कुमार सिंह उनके घर पहुंचे। जहां उन्होंने प्रशांत की पत्नी को समझाते हुए उन्हें पुलिस विभाग में एक सरकारी नौकरी देने की बात कही। जिस पर प्रशांत के घरवालों ने पुलिस विभाग में नहीं बल्कि शिक्षा विभाग में नौकरी देने की बात सामने रखी। साथ ही प्रशांत यादव की हत्या को लेकर CBI जांच कराने की मांग करी।

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