जोड़ो से जुडी सभी बीमारियों पर लगेगा स्टॉप

देश के ज्यादातर लोगों को जोडों और घुटनों के दर्द की शिकायत रहती है और यह समस्या 50 से 55 वर्ष की आयु से प्रारंभ होने लगती हैl जिससे मरीज आम तौर पर चलने-फिरने, खड़े होने, हिलने-डुलने में परेशानी महसूस करता हैl जोड़ों के दर्द को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता इसलिए मरीज या तो दवाई खाने या फिर ऑपरेशन के लिए मजबूर हो जाता हैl

जोडों से संबंधी सभी बीमारियों पर लगेगा फुल स्टॉप...

आज कल हर जगह घुटना प्रत्यारोपण एवं सर्जरी का चलन है पर अब इन बिमारियों का इलाज बिना किसी दवा या ऑपरेशन के सुरक्षित एवं सरल तरिके से हो सकता हैl इन्ही सभी को ध्यान में रखकर मैजिक विंग्स ने अपने मरीजों के लिये दस दिवसीय शिविर का आयोजन किया हैl

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इस शिविर के बारे में मैजिक विंग्स की संचालक, डॉ. नेहा अरोरा वर्मा ने बताया – मैजिक विंग्स ने अपने मरीजों के लिये शिविर का आयोजन किया हैl जहाँ वे रोबोटिक पद्धति द्वारा सुरक्षित तरिके से पुरे शरीर को स्कैन कर के बीमारी की जड़ तक पहुँचने का प्रयास करेंगे.

जिसमें घिसे हुए जोड़, तिरछे घुटने एवं स्पाइनल प्रॉब्लम जैसे- स्लिप डिस्क, सायटिका, झुनझुनी, वैरिकाजवेंस आदि का समाधान मरीजों को आसानी से मिलेगाl

रोबोटिक थेरेपी एवं स्पाइनल मॉड्यूलेशन द्वारा नसों एवं हड्डियों की जटिल समस्याओं का समाधान मुमकिन है। इन विधाओं का खर्च कम है एवं रोग की पूर्ण रोकथाम भी संभव है।

आधुनिक स्पाइन मशीन द्वारा रीढ़ की हड्डी की गद्दी को स्थान पर फिक्स किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में कम समय में दर्द एवं झुनझुनी से राहत मिलती है। पूर्ण इलाज करने पर बीमारी वापस नहीं आती।

डॉक्टर नेहा यूएसए की सर्टिफाइड एवं मध्य प्रदेश की पहली सिग्मा स्पाइन स्पेशलिस्ट हैं। पिछले 7 वर्षों में वह हजारों मरीजों को ठीक कर चुकी हैं।

जब वह लंदन में काम कर रही थी, वहां की टेक्नोलॉजी से काफी प्रभावित हुई। उनके ना थमने वाले प्रयासों द्वारा विदेश की सबसे एडवांस्ड टेक्नोलॉजी आज हमारे मध्य प्रदेश में मरीजों के लिए उपलब्ध हो पाई है।

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