
धर्म-कर्म व मोक्ष की नगरी सारण गौतम ऋषि की तपोभूमि है और दधीचि ऋषि भी यहीं के थे। दूसरी ओर, राजनीतिक रूप से लोकनायक जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति का इतिहास यहां के चप्पे-चप्पे को आज भी ऊर्जावान बनाए हुए है। लोकसभा चुनाव में यहां 12 उम्मीदवार हैं।
मुख्य मुकाबला एनडीए प्रत्याशी भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद राजीव प्रताप रूडी और महागठबंधन के प्रत्याशी व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय के बीच नजर आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय के पुत्र चंद्रिका राय इसी संसदीय क्षेत्र के परसा से विधायक हैं।
रूडी यहां से चौथी बार चुनाव जीतने की मशक्कत कर रहे हैं। दूसरी ओर, चंद्रिका की चुनौती लालू की राजनीतिक कर्मभूमि सारण को फिर से हासिल करना है। दोनों प्रत्याशियों के समर्थन में यहां बड़े नेताओं के दौरों के बाद पार्टियों के कार्यकर्ता जहां मुखर हैं, वहीं मतदाता खामोश हैं।
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स्थानीय मुद्दे भी हावी
प्रचार के दौरान भाजपा—जदयू कार्यकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों के अलावा बेहतर सड़क, दियारा क्षेत्रों में आजादी के बाद पहली बार पहुंची बिजली, प्रखंडों में पॉवर सब स्टेशन की स्थापना आदि पर चर्चा कर एनडीए के विकास एजेंडा की चर्चा कर रहे हैं। मढौरा में डीजल इंजन कारखाना, बेला में रेल पहिया फैक्ट्री को दोनों गठबंधन अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्षी गठबंधन यहां बेरोजगारी, छपरा शहर में जल जमाव, सिंचाई की बेहतर व्यवस्था नहीं होने, टोपो लैंड भूमि का मसला उठा रहे हैं।
छह विधानसभा क्षेत्र में से चार पर राजद
सारण संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें चार सीट पर राजद और दो पर भाजपा विधायक हैं।
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तीन दशक से यहां लालू परिवार
तीन दशक से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के इर्द-गिर्द घूमने वाली सारण की राजनीति में पहला मौका है, जब न लालू और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ रहा है। पिछले चुनाव में उतरीं राबड़ी देवी, राजीव प्रताप रूडी से हार गई थीं।