बिना अनुमती के सैकड़ों हरे पेड़ों पर चला दी आरी, शासन प्रशासन मौन 

REPORT-KULDEEP RANA

रिपोर्ट: कुलदीप राणा आजाद/रूद्रप्रयाग
एक वृक्ष सौ पुत्रों के समान की कहावत तो आपने सुनी ही होगी, मगर जिले में फलदार और जड़ी बूटी के वृक्षों के साथ ही चीड़ के जंगलों पर आरी लगाकर साफ कर दिया गया और प्रशासन को इसकी एक भनक तक नहीं लगी। वन महकमा भी सोया रहा लेकिन जब एक अकेला सरपंच ने आवाज उठाई तो पूरा तंत्र हरकत में आया और फिर हुआ कार्रवाई का दौर शुरू। क्या कुछ पूरा मामला है देखिए इस रिपोर्ट में-

एक वृक्ष सौ पुत्रों के समान

रूद्रप्रयाग जनपद में सरकारी सिस्टम कैसे सरकार के ही नियम कायदों की धज्ज्यिां उडा रहा है इसकी हकीकत एक बार फिर सामने आई है। मामला प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सनबैण्ड-बज्यूण 20 किमी मोटरमार्ग का है,  जहां पर पीएमजीएसवाई विभाग द्वारा करीब 5 किमी सड़क भूमि हस्तान्तरण होने से पहले ही काट दी है। जबकि पांच किमी के दायहरे में सैकड़ों हरे फलदार, चीड़ पेड़ों को काटने के साथ ही चिरान कर दिया। जबकि मोटर मार्ग कटिंग का मलबा से बाँज, आम, आंवला सहित असीन, सांधण के जंगल को समाप्त कर दिया है।

वहीं मामले में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि पीएमजीएसवाई के तहत स्वीकृत सन बैंड-बज्यूंण मोटरमार्ग पर अवैध कटान की शिकायत मिलने पर डीएफओ वैभव कुमार ने टीम के साथ निरीक्षण किया है। निरीक्षण में पता चला है कि बिना भूमि हस्तांतरण के ठेकेदार ने सड़क काट दी है और पेड़ों का कटान भी किया है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज किया गया है और कार्य को भी रोक दिया गया है। ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी और उच्च स्तरीय जांच की जायेगी।

IND vs NZ 2020: न्‍यूजीलैंड तेज गेंदबाज काइल जेम्सन की गेंदबाजी से टीम इंडिया ढेर

दरअसल इस पूरे मामले से जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल, वन विभाग और पीएमजीएसवाई विभाग के अधिकारी पहले से वाकिफ थे। जबकि सूत्रों की माने तो जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने ही कुछ ग्रामीणों की मांग पर इस सड़क का कार्य आरम्भ करवाया था। लेकिन वन सरपंच द्वारा उठाई गई आवाज और मीडिया के मौके पर पहुँचने से वन विभाग हरकत में आया। हालांकि इस सड़क के कटान से ग्रामीणों को कही भी आपत्ति नहीं है लेकिन ग्रामीणों का सवाल यह है कि आखिर सड़क की आड़ में बेतहाशा वनों का दोहन और बेतरतीफ मलबे से हुए नुकसान की भरपाई आखिर कौन करेगा। और सवाल यह भी उठता है कि जिले के उच्च अधिकारी जब अपने संरक्षण में तमाम वन कानून के नियम कायदो की धज्जियां उडा रहे हैं तो फिर न्याय और इनसाफ की उम्मीद किस से करें।

LIVE TV