बिजली विभाग के घोटाले को लेकर कांग्रेस ने यूपी सरकार पर साधा निशाना, कही ये बात

report- ram anuj

लखनऊः बिजली विभाग में हुए घोटाले को लेकर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। बिजली विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा संदिग्ध DHFL कंपनी में कर्मचारियों की भविष्य निधि के 2600 करोड़ रुपये निवेश करके डुबाने पर कांग्रेस ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से इस्तीफे की मांग की। इस दौरान अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर बिजली घोटाले से जुड़े तमाम आरोप लगाते हुए प्रियंका गांधी के ट्वीट के बाद नींद खुलने का आरोप लगाया।

यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के 45हजार से ज्यादा कर्मचारियों के जीवन भर की कमाई मौजूदा योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार के कारण डूब गयी है।

इस मामले में सरकार ने प्रियंका गांधी जी के ट्वीट के बाद ही कुछ नीचे के अधिकारियों पर नाम मात्र की कार्यवाही की गयी जबकि 10 जुलाई को गुमनाम शिकायत के बाद 28 अगस्त 2019 को ही घोटाले की पुष्टि हो गयी थी फिर भी सरकार ने इस पर कोई कार्यवाही समय से जानबूझकर नहीं की। बिना सरकार के संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता। सरकार खुद को बचाने में लगी रही।

डीएचएफएल कम्पनी में पावर कार्पोरेशन के कर्मचारियों के 99 प्रतिशत फण्ड को नियम विरूद्ध तीन प्राइवेट कम्पनियों में निवेशित किया गया जिसमें से अकेले 65 प्रतिशत डीएचएफएल को दिया गया। इसमें से 1854 करोड़ रूपये एक एफ.डी. के माध्यम से एक साल के लिए और 2268 करोड़ की दूसरी एफ.डी. तीन साल के लिए दी गयी। पहली एफ.डी. दिसम्बर 2018 को मेच्योर होने के बाद वापस आ गयी किन्तु दूसरी एफ.डी. जो कि 2268 करेाड़ रूपये की थी डूब गयी है।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि डीएचएफएल एक डिफाल्टर कम्पनी है यह कम्पनी न तो सेबी में रजिस्टर्ड है न सुरक्षित(अन सेक्योर्ड) है और तमाम निवेशकों ने पहले से इस पर एफआईआर दर्ज कराये थे। इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस कम्पनी में कर्मचारियेां के भविष्य निधि का निवेश जारी रखा। आश्चर्यजनक रूप से कर्मचारियेां का पैसा तब तक इस कम्पनी में निवेश किया जाता रहा जब तक इस कम्पनी ने स्वयं पैसा लेना बन्द नहीं किया। पूर्व में भी हजारों करोड़ के घोटाले के आरोप संदिग्ध शेल कम्पनियों में भारत से बाहर पैसे को रूटिंग कर भारत से बाहर भेजने के आरोप लगते रहे हैं और एक रिपोर्ट के अनुसार जनता की गाढ़ी कमाई का 31 हजार करोड़ रूपये गलत तरीके से हड़प लिया गया।

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डीएचएफएल के मालिक वाधवान ने व्यक्तिगत तौर पर भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा लगभग बीस करोड़ रूपये दिये। इसके अलावा शक्ति भवन में 15वीं मंजिल पर मंत्री का कार्यालय व मंत्री आवास सहित उनके मथुरा के आवास राधा वैली के विजिटर बुक को जनता के सामने लाया जाए, ताकि पता चले कि कौन-कौन से लोग इस भ्रष्टाचार में जुड़े हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सिर्फ पूर्ववर्ती सरकार पर जिम्मेदारी डालने से काम नहीं चलेगा, जब 21 महीने में हर काम की जांच हुई तो आखिर इसे क्यों छोड़ा गया?

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