बाढ़ का कहर , दिल्ली को अब भी करना पड़ेगा बारिश का लम्बा इंतजार…

असम और अरुणाचल प्रदेश के उपरी जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश से ब्रह्मपुत्र समेत कई नदियां उफान पर हैं। इस कारण प्रदेश के 17 जिलों में बाढ़ से 4.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राहत और बचाव कार्य में जुटी सेना और एनडीआरएफ की टीमें पानी में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुटी हैं।

बतादें की असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ से 17 जिलों के 4,23,386 लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। जबकि 16730.72 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। उधर मिजोरम में भी बाढ़ से स्थिति गंभीर हो गई है।

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जहां असम और मिजोरम सरकार की आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। ईटानगर में लगातार हो रही बारिश की वजह से हुए भूस्खलन में बुधवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई।

जहां इधर दिल्ली-एनसीआर में मानसून की बारिश का इंतजार लंबा होता जा रहा है। यह इंतजार इस सप्ताह खत्म नहीं होगा। मौसम विभाग ने अगले दो से तीन दिन ही हल्की बारिश की संभावना जताई है। अब तक 77 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है।

गुरुवार को बादल छाए रहने के कारण मौसम सुहाना बना रहा। अधिकतम तापमान में भी बढ़ोतरी हुई। दिल्ली में पांच जुलाई को मानसून ने दस्तक दे दी थी, बावजूद इसके, अब तक अच्छी बारिश नहीं हुई है।

द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक त्र्यंबकेश्वर में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से उफान पर आई गोदावरी का पानी मंदिर में प्रवेश कर गया। इससे दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। नासिक जिले में पिछले 24 घंटे में 127 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।

यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। पश्चिमी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले चार दिन से लगातार बारिश हो रही है। इससे गंडक, नारायणी, कोसी, राप्ती, घाघरा सहित कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। हालांकि ये नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं।

 

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