बांग्लादेश को रौशन करेगा भारत, जल्द हो सकता है समझौता

भारतअगरतला। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना अगले महीने जब भारत दौरे पर आएंगी तो बांग्लादेश को त्रिपुरा से 60 मेगावाट अतिरिक्त बिजली आपूर्ति करने से संबंधित समझौते पर दोनों देश हस्ताक्षर करेंगे। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हसीना 7-10 अप्रैल के बीच भारत दौरे पर होंगी।

एक भारतीय अधिकारी ने कहा, “भारत और बांग्लादेश के अधिकारियों ने 17 मार्च को ढाका में बैठक की और त्रिपुरा से बांग्लादेश को 60 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति करने के लिए तकनीकी एवं अन्य मुद्दों पर समझौते को अंतिम रूप दिया।”

उन्होंने कहा, “शेख हसीना की भारत यात्रा के दौरान बांग्लादेश और भारत सरकार के अधिकारी इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसके तत्काल बाद बांग्लादेश को अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।”

अधिकारी ने बताया कि एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन), त्रिपुरा राज्य विद्युत निगम लिमिटेड और बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग के चार अधिकारी बांग्लादेश के ऊर्जा, विद्युत एवं खनिज संसाधन मंत्रालय और बांग्लादेश विद्युत विकास बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, जिसमें बिजली की दरें और अन्य तकनीकी ब्यौरे निर्धारित किए जाएंगे। यह बैठक ढाका में होगी।

त्रिपुरा 23 मार्च, 2016 से बांग्लादेश को 100 मेगावाट बिजली की आपूर्ति कर रहा है। इसके अलावा बांग्लादेश को पश्चिम बंगाल 2013 से 500 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करता रहा है।

त्रिपुरा के बिजली एवं परिवहन मंत्री मणिक डे ने कहा, “बांग्लादेश ने अपने उत्तरी हिस्से में बिजली की समस्या के समाधान के लिए भारत से 100 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मांगी है। त्रिपुरा सरकार द्वारा बांग्लादेश को 100 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति की सहमति दिए जाने के बाद भारत सरकार ने हाल ही में बांग्लादेश को इसकी सूचना दी।”

उन्होंने बताया, “हालांकि बांग्लादेश को यह अतिरिक्त बिजली आपूर्ति हासिल करने के लिए अपने यहां आधारभूत ढांचा खुद विकसित करना होगा। उनकी मौजूदा तकनीकी क्षमता के हिसाब से वे अपने यहां पारेषण सुविधा विकसित करने के बाद 60 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ले सकेंगे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शेख हसीना और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने 23 मार्च को नई दिल्ली, ढाका और अगरतला स्थित अपने-अपने कार्यालयों से वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए इस अतिरिक्त 100 मेगावाट बिजली आपूर्ति पर सहमति जताई थी।

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