बस्ती से शुरू हुई विश्व प्रसिद्ध 84 कोसी परिक्रमा !

बस्ती: चैत्र पूर्णिमा को बस्ती जनपद के मखौड़ा धाम से अयोध्या की विश्व प्रसिद्ध 84 कोसी परिक्रमा शुरू हो गई है। मनुष्य को मोक्ष देने वाली 84 कोसी परिक्रमा जिले के मख क्षेत्र मखौड़ा से शुरू हुई।

अयोध्या धर्मार्थ सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत गया दास की अगुवाई में शुरू हुई इस पद यात्रा में जय श्रीराम, हर-हर महादेव के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं ने यात्रा आगे बढ़ाई। पुरुषोत्तम श्रीराम के अयोध्या राज्य का विस्तार चौरासी कोस में था।

मान्यता है कि इस राज्य की परिक्रमा से मनुष्य की सभी कामनाओं की पूर्ति के साथ उसे सद्गति मिलती है। आज सुबह पांच बजे मखौड़ा से शुरू हुई इस परिक्रमा में देश के हिंदू धर्मानुयायियों ने हिस्सा लिया। यात्रा का प्रारंभ और समापन मख धाम में ही होता है।

ऐसी मान्यता है कि राजा दशरथ ने यहां पुत्रेष्टि यज्ञ किया था शृंगी ऋषि के आचार्यत्व में हुए यज्ञ में अग्निदेव स्वयं प्रकट होकर उन्हें खीर प्रदान की , जिसे खाकर तीनों रानियों ने राम, लक्ष्मण , भरत, शत्रुघ्न जैसे पुत्रों की प्राप्ति हुई।

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तभी से इस क्षेत्र की महत्ता बढ़ गई। इस परिक्रमा का मार्ग अंबेडकर नगर, फैजाबाद, गोंडा, बाराबंकी जिलों से होकर गुजरता है। परिक्रमा की अगुवाई कर रहे महंत गया दास ने बताया कि परिक्रमा में इस बार श्रद्धालुओं ने नया रिकॉर्ड बनाया है।

कभी अधिकतम एक हजार तक साधु-संतों की भीड़ इस बार दो हजार के ऊपर पहुंच गई है। इसमें काफ़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं। इधर, परिक्रमा के प्रथम पड़ाव स्थल रामरेखा मंदिर पर दोपहर से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया।

परिक्रमा के एक दिन पूर्व ही संत व श्रद्धालु गृहस्थ मखौड़ा धाम में पहुंच गए, रात्रि विश्राम के बाद आज सुबह मनोरमा नदी में स्नान किया और यात्रा प्रारंभ हो गई।

चौरासी कोसी परिक्रमा बस्ती के मखौड़ाधाम से तब शुरू की जाती है जब साधु-संत और श्रद्धालु मनोरमा नदी में स्नान करते हैं। इस नदी को हर मनोकामना पूरी करने वाला बताया गया है।

चौरासीकोसी परिक्रमा के लिए मखौड़ाधाम में श्रद्धालुओं के जुटने का क्रम गुरुवार की रात से शुरू हो गया था। यात्रा में संत, गृहस्थ बड़ी संख्या में शामिल हैं। श्रद्धाजलुओं की सेवा के लिए रास्ते भर स्थानीय लोग भोजन व जलपान का इंतजाम किए हुए हैं। चौरासी कोसी की यह परंपरा इस क्षेत्र में सदियों से चली आ रही है।

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