बंदरों की आबादी को रोकने की तैयारी, खिलाई जाएंगी गर्भनिरोधक गोलियां
देहरादून। उत्तराखंड में बंदरों की बढ़ती आबादी से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान ने एक तरकीब निकाली है। बंदरों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए उन्हें गर्भनिरोधक दवाएं खिलाई जाएंगी।
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बंदरों की बढ़ती आबादी पर रोक के लिए बनाया गया प्रोजेक्ट
देश में अपनी तरह का यह पहला प्रोजेक्ट होगा। इस प्रोजेक्ट पर अगले दो महीने में काम शुरू हो सकता है। अभी वन विभाग इस प्रोजेक्ट के ट्रायल के लिए जगहों पर विचार कर रहा है। इसमें देहरादून स्थित वन्यजीव संस्थान और हरिद्वार के चिड़ियापुर में वानर बंध्याकरण और पुनर्वास केंद्र जैसी जगहें शामिल हैं।
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वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मादा बंदरों को खाने में यह दवा मिलाकर दी जाएगी और उन पर निगाह रखी जाएगी। हालांकि यह दवा किस मात्रा में होगी और किस खाद्य पदार्थ के साथ दी जाएगी यह भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) तय करेगा।
उत्तराखंड में बंदरों की बढ़ती तादाद हमेशा से चिंता का विषय रही है। इसको लेकर इससे पहले भी कई प्रयोग किये जा चुके हैं। यह प्रयोग अपने में अनोखा है जिससे उम्मीद है कि बंदरों की आबादी पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।