फिल्म इंडस्ट्री में, डायरेक्टर राज खोसला और देव आनंद कुछ इस तरह साबित हुए एक दूसरे के लिए लकी

डायरेक्टर राज खोसला दशकों तक अपनी फिल्मों से दर्शकों को दीवाना बनाते रहे. उनके काम से गुरुदत्त इतने खुश हुए कि उन्हें गिफ्ट में कार दे डाली.

फिल्म इंडस्ट्री में, डायरेक्टर राज खोसला और देव आनंद कुछ इस तरह साबित हुए एक दूसरे के लिए लकी

डायरेक्टर राज खोसला दशकों तक अपनी फिल्मों से दर्शकों को दीवाना बनाते रहे. उनके काम से गुरुदत्त इतने खुश हुए कि उन्हें गिफ्ट में कार दे डाली. सफल डायरेक्टर्स की लिस्ट में शुमार राज खोसला सिंगर बनना चाहते थे. इसके लिए वॉइस टेस्ट भी दिया. उन्हें सिर्फ इसलिए मौका नहीं दिया गया कि वे इंडस्ट्री में नए थे.

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राज खोसला का जन्म पंजाब के लुधियाना में 31 मई को हुआ था. फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने लगभग 4 साल तक राज किया और 9 जून को वो दुनिया को अलविदा कह गए.

राज खोसला, देव आनंद के दोस्त थे. देव ने राज को इंडस्ट्री में पैर जमाने के लिए भरपूर मदद की. देवानंद और राज खोसला को लेकर सबसे चर्चित किस्सा यह है कि देवानंद ने ही राज को फिल्म इंडस्ट्री में ब्रेक दिलवाया और राज की वजह से देवानंद को बतौर एक्टर पहला फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था.

देव ने उन्हें गुरुदत्त की फिल्म बाजी में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर का काम दिलवाया. इसके बाद उन्होंने स्वतंत्र डायरेक्टर के  रूप में मिलाप फिल्म का निर्देशन किया लेकिन उनकी गाड़ी चल पड़ी. फिल्म ने सफलता के झंडे गाड़े और राज खोसला सफलता की  रोशनी में चमक उठे.

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साल 1956 में राज खोसला ने सीआईडी फिल्म का निर्देशन किया. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म सिल्वर जुबली साबित हुई. गुरुदत्त ने खुश होकर राज को कार गिफ्ट की. गुरुदत्त ने कार के सारे कागजात राज के नाम से ही बनवाए थे. इसके बाद राज खोसला ने देव आनंद की फिल्म काला पानी का निर्देशन किया था. इस फिल्म के लिए देव आनंद को पहला फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था.

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