फिल्मों में आने पर पिता ने तानी थी पिस्तौल, विनोद खन्ना ने करियर की पीक पर लिया था सन्यास…
हिंदी सिनेमा में कुछ ही ऐसे कलाकार हुए जिनको लेकर दर्शकों का दिवानापन देखने को मिला. जिनके अभिनय और अदायगी ने लोगों के दिलों में अलग ही जगह बना ली. आज हम बात कर रहे हैं विनोद खन्ना की जिन्होंने हिंदी फिल्मों में हीरो बनने से पहले विलेन के किरदार निभाए. लेकिन उनको हीरो के रुप में उससे कही ज्यादा शौहरत और नाम मिला. जब भी वे थियेटर के पर्दे पर नज़र आते तो लोग सिटीयां मारने से खुद को रोक नहीं पाते थे. विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले विनोद खन्ना ने अपने करियर में 150 से ज्यादा फिल्में कीं. आज के ही दिन 2017 में बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर विनोद खन्ना इस दुनिया को अलविदा कह गए थे, वो काफी सालों से कैंसर से जूझ रहे थे.
विनोद खन्ना ने 1968 में ‘मन का मीत’ फिल्म से करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में उन्होंने विलेन का किरदार निभाया। सुनील दत्त से ऑफर मिलने के बाद जब ये बात विनोद खन्ना ने घर पहुंचकर अपने पिता को बताई तो वे बहुत गुस्सा हुए। यहां तक कि उनके पिता ने उन पर पिस्तौल भी तान दी और कहा कि यदि तुम फिल्मों में गए तो तुम्हें गोली मार दूंगा। विनोद खन्ना के पिता उन्हें बिजनेसमैन बनाना चाहते थे।
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विनोद खन्ना ने अपने करियर में 150 से ज्यादा फिल्में कीं। विनोद बॉलीवुड इकलौते ऐसे एक्टर कहे जाते हैं जिन्होंने अपने करियर की चोटी पर आकर रिटायरमेंट ले लिया और आश्रम चले गए। अमरीका के ओरेगोन स्थित रजनीशपुरम आश्रम में विनोद खन्ना रजनीश की माला पहने घूमते थे। इसीलिए मीडिया ने उन्हें सेक्सी संन्यासी की संज्ञा दी थी। विनोद खन्ना अमिताभ बच्चन के कड़े प्रतिद्वंदी माने जाते थे। दोनों सुपरस्टार्स ने ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘परवरिश’, ‘अमर अकबर एंथॉनी’ जैसी फिल्मों में साथ में काम किया था।
विनोद खन्ना का अमृता सिंह से अफेयर भी बताया जाता है। हालांकि बाद में उन्होंने गीतांजलि से शादी कर ली। लेकिन गीतांजली से 1985 में तलाक के बाद अपने अकेलेपन से विनोद खन्ना ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया। लेकिन फिल्मों में फिर से काम और सफलता मिलने और फिर 1990 में कविता दफ्तरी से दूसरी शादी कर वो पुराने विनोद खन्ना बन लौटे। कविता और विनोद का एक बेटा साक्षी और बेटी श्रद्धा है। विनोद खन्ना अभिनेता होने के अलावा, निर्माता और सक्रिय राजनेता भी थे। वे भाजपा के सदस्य थे और कई चुनाव जीत चुके थे। वे मंत्री भी रहे।
विनोद खन्ना और माधुरी दीक्षित की फिल्म दयावान का एक किस्सा बताया जाता है। इस फिल्म में दोनों के बीच इंटीमेट सीन फिल्माया गया था। फिल्म रिलीज के बाद इस सीन के लिए माधुरी और विनोद खन्ना की खूब आलोचना हुई थी। उस वक्त विनोद खन्ना माधुरी दीक्षित से 20 साल बड़े थे। इस फिल्म की सबसे ज्यादा चर्चाएं विनोद खन्ना और माधुरी दीक्षित के बीच फिल्माए गए चुम्बन के दृश्यों से हुई।