ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने जब सुनाई थी जली रोटी की कहानी

भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने एक बार ये कहानी सुनाई थी। जब मैं छोटा बच्चा था तब प्रतिदिन मेरी माँ हम सब के लिए खाना बनाया करती थी। एक रात की बात है, माँ ने सब्जी रोटी बनायीं और पिताजी को परोस दिया। मैंने देखा रोटी बिलकुल जली हुई थी।

ए पी जे अब्दुल कलाम

मैं ये सोच रहा था की किसी ने ये बात नोटिस करी या नहीं मेरे पिता ने वो रोटी बिना कुछ कहे प्रेम से खा ली और मुझसे पुछा “बेटा आज स्कूल का दिन कैसा रहा?” मुझे याद है कि मेरी माँ ने उस दिन जली रोटी बनाने के लिए पिताजी से क्षमा मांगी थी जिसपर पिताजी ने हँसते हुए कहा था। चिंता मत करो मुझे जली रोटियां पसंद हैं।

बाद में जब मैंने पिताजी से पुछा क्या आपको जाली रोटियां सच में पसंद हैं? पिता जी ने ना में सर हिलाते हुए कहा – एक जली हुई रोटी किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकती पर जले हुए शब्द बहुत कुछ बिगाड़ सकते हैं।

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