प्रेरक-प्रसंग: यहां जानें, खुद को कितना पहचानते हैं आप!

दि वल्ड्रस वर्क’ अखबार के संपादक थे ‘वाल्टर हाइन्स येज’। वह हर दिन कई आर्टिकल को रिजेक्ट करते या प्रकाशित करते थे। एक बार एक लेखिका ने उन्हें लिखा, ‘पिछले सप्ताह आपने मेरी कहानियां सखेद लौटा दीं।
यहां जानें, खुद को कितना पहचानते हैं आप!

मेरा यह दावा है कि आपने मेरी कहानी को पढ़ा ही नहीं। मेरा यह पूर्वानुमान था कि आप जैसे संपादक अपने काम में ईमानदारी नहीं बरतते, इसी की जांच के लिए मैंने अपनी कहानी के बीच के पृष्ठों को एक साथ चिपका दिया था और जब कहानी वापस आई तो वे पृष्ठ वैसे ही चिपके हुए थे। यह आपकी अयोग्यता नहीं तो और क्या है?’

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इस बात पर मिस्टर येज ने जवाब दिया, ‘आपका, ज्ञान अभी कच्चा है मैडम! हांडी के चावल पके हैं या नहीं यह जानने के लिए सिर्फ चावल को टटोला जाता है, पूरी हांडी को उलटकर चावलों को टटोलने की जरूरत नहीं पड़ती।’

शिक्षा: अनुभव जिसके पास है। वह अपने अनुभव से किसी को भी देख कर या उसके लिखे किसी भी वाक्य रचना को पढ़कर पहचान लेता है। इसलिए अपना मूल्यांकन पहले स्वयं करना चाहिए।

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