प्रवासी मजदूरों की वजह से कोरोना के मामलों में 72 प्रतिशत इजाफा
नई दिल्ली.भारत में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं| स्वास्थय विभाग का मानना हैं कि आंकड़ों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में एक जून के बाद से कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े है और उनका यह भी कहना हैं कि झारखण्ड, बिहार,उड़ीसा जैसे कई राज्यों में मामले बढ़ते जा रहे हैं| यह वह राज्य हैं, जहां सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर पहुंचे हैं।

लॉकडाउन के बाद नौकरी जाने से इंडस्ट्रियल सिटीज जैसे तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में से सबसे जादा प्रवासी मजदूर निकाले गए | केंद्र की तरफ से चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मदद से प्रवासी मजदूर बिहार, उड़ीसा और झारखंड जैसे राज्यों में गए। एक मई से अब तक कोरोना के मामले तेजी से सामने आए हैं | जून के शुरुआती आठ दिनों में पश्चिम बंगाल में 3,300 नए मामले सामने आए जबकि मई के शुरुआती आठ दिनों में ये आंकड़ा 1,042 था। वहीं झारखंड में जून के शुरुआती दिनों में 610 मामले आए जो मई में 360 था। झारखंड में कोरोना के 1,290 मामले हैं। इसी तरह उड़ीसा में 31 मई को कोरोना के 1,948 मामले से बढ़कर 2,994 हो गए।
ये भी माना जा रहा है कि प्रवासी मजदूरों की वजह से 72 प्रतिशत संख्या बढ़ गई हैं | बिहार के स्वास्थय मंत्री लोकेश कुमार सिंह का कहना हैं कि 3 जून से 4 जून तक 1,491 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मदद से 20 लाख प्रवासी मजदूर आए हैं और मध्य प्रदेश के स्वास्थय अधिकारियों ने कहा, काफ़ी हद तक 65 प्रतिशत कोरोना मरीजों की रिकवरी हो रही लेकिन रोजाना आ रहे कोरोना के मामले कम नहीं हो रहे हैं।

उड़ीसा की सरकार ने कहा कि पिछले 15 दिनों में क्वारंटीन सेंटर में रह रहे 1,557 प्रवासी मजदूरों के 80 फीसदी मामले सामने आए। पेरशानी वाली बात यह हैं कि उड़ीसा के गरीब इलाकों में कोरोना तेजी से बढ़ता जा रहा है |