चुनाव से पहले मोदी का सबसे धारदार वार, आरक्षण को लेकर होगा अब तक का सबसे बड़ा फैसला

प्रधानमंत्री मोदीदिल्ली। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राज्य विधानसभा द्वारा पारित राज्य में आरक्षण में वृद्धि वाले विधेयक पर केंद्र की मंजूरी मांगी। राव ने नवगठित राज्य तेलंगाना की सामाजिक संरचना से मोदी को अवगत कराया और राज्य को आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी से अधिक आरक्षण प्रदान करने के लिए विधेयक को नौवीं अनुसूची में शामिल कर राज्य को विशेष छूट देने की मांग की।

राव ने मोदी से अनुरोध किया कि तेलंगाना को तलिनाडु के समान ही दर्जा दिया जाए, जहां 69 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है। वहीं अगर मोदी इस फैसले को लेकर कोई निर्णय लेते हैं तो इसका असर आगामी लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।

दोनों नेताओं के बीच यह बैठक एक घंटा 20 मिनट तक चली और इस दौरान राव ने तेलंगाना से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की।

राव ने मोदी को बताया कि तेलंगाना अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों की आबादी कुल आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा है।

राव ने प्रधानमंत्री से यह अनुरोध भी किया कि राज्य के अधिकार क्षेत्र में आने वाले शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों के लिए और अपनी सरकारों में नौकरियों में आरक्षण निर्धारित करने का फैसला राज्यों पर छोड़ दिया जाए।

तेलंगाना विधानसभा में 16 अप्रैल को एक विधेयक पारित किया गया, जिसमें मुस्लिम समुदाय के पिछड़े वर्ग का आरक्षण चार फीसदी बढ़ाकर 12 फीसदी किए जाने और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण छह फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी किए जाने का प्रावधान है। इस विधेयक की प्रस्तावना के अनुसार, तेलंगाना में कुल आरक्षण 62 फीसदी हो जाएगा।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष राव ने प्रधानमंत्री से आरक्षण के लिए अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण और इस संबंध में संसद में एक विधेयक पेश करने की लंबे समय से चली आ रही मांग स्वीकार करने का आग्रह भी किया।

इसके अलावा राव ने कृषि से संबद्ध आय पर और किसानों द्वारा किए जाने वाले विभिन्न कार्यो के जरिए होने वाली आय पर आयकर से छूट दिए जाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि इससे भेड़ चराने, मछली पालने, कढ़ाई या कताई-बुनाई करने या बाल काटने के पेशे से जुड़े पिछड़े वर्ग के विभिन्न समुदायों को फायदा होगा।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर राव ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जीएसटी से राज्यों के राजस्व को नुकसान न पहुंचे।

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