प्रदूषण रोकने के लिए ‘मोदी’ ने दिया गजब का आईडिया, आप भी जानें

पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार को मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर 15 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने तथा स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने की जरूरत बताई।

प्रदूषण

पटना में मंगलवार को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की ओर से ‘अरबन क्लाइमेट रिजिलियेंस : द कन्टेक्स्ट ऑफ रिवर बेसिन’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण आकस्मिक बाढ़, जल जमाव, भूकंप, कार्बन उर्त्सन, वायु प्रदूषण आदि शहरों और उसके आस-पास की बस्तियों की सबसे बड़ी समस्या है।

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उपमुख्यमंत्री ने ‘वायु प्रदूषण पर पटना घोषणपत्र’ भी जारी किया और कहा कि अध्ययन में शामिल असम के जोरहाट, पश्चिम बंगाल के बसिरहाट और बिहार के सहरसा आदि शहरों में बाढ़ के प्रभाव को कैसे कम किया जाए, इस पर गहन विचार की जरूरत है। गंगा के किनारों के शहरों में जल जमाव की समस्या पर भी उन्होंने चिंता जताई।

मोदी ने पटना में वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग के लिए पांच स्थानों पर ‘एयर मॉनिटरिंग मशीन’ लगाने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में गंगा में पानी कम होने के कारण गंगा तटवर्ती शहरों के करीब दियारा का क्षेत्र उभर आता है, जिससे मिट्टी और बालू के कण उड़कर वायु को प्रदूषित करते हैं।

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उन्होंने बताया, “ईंट भट्ठा की वजह से होने वाले वायु प्रदूषण पर रोक के लिए पटना के आस-पास के पांच प्रखंडों में नए ईंट-भट्ठा खोलने पर रोक के साथ पूर्व से संचालित ईंट-भट्ठों को नई स्वच्छता तकनीक अपनाने के लिए एक साल का समय दिया गया है।”

कार्यशाला में सहभागी भारत सरकार की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान व गोरखपुर इन्वॉयरमेंटल एक्शन ग्रुप से उन्होंने अपील की कि वे इन समस्याओं से निजात के उपाय सुझाएं, जिससे शहरों, खासकर गंगा बेसिन के किनारे के शहरों को सुरक्षित रखने के साथ अगले 50 साल में होने वाली समस्याओं का समाधान ढूंढा जा सके।

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