सिर्फ फोन साइलेंट पर रखने की वजह से ये नेता रह गए कैबिनेट से दूर!

प्रताप चंद्र सारंगी के नाम की चर्चा गुरुवार शाम से ही पूरे देश में हो रही है. 64 साल के ‘ओडिशा के मोदी’ के नाम से मशहूर बालासोर के इन सांसद की मंत्री बनने की कहानी भी रोचक है. सारंगी को मंत्री बनाने के ल‍िए कॉल आते रहे, लेक‍िन वह फोन को साइलेंट कर भूल गए.

प्रताप चंद्र सारंगी
सारंगी ने एक न‍िजी टीवी चैनल को बताया,” दोपहर तीन बजे मेरे पास फोन आया क‍ि तुमसे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी बात करना चाहते हैं, फोन क्यों नहीं उठाते हो? उस समय मैं बीजेपी कार्यालय में था और फोन साइलेंट पर कर द‍िया था. बाद में जब राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने बात की तो वे बोले क‍ि शाम को 7 बजे आपको मंत्री पद के ल‍िए शपथ लेनी है. इससे पहले शाम 5 बजे प्रधानमंत्री के साथ एक बैठक को भी अटैंड करना है.”
सारंगी को इस बात से बहुत हैरानी हुई. सारंगी ने अम‍ित शाह को कहा, “मैं क्यों मंत्री पद की शपथ लूं. फिर अध्यक्ष जी ने कहा क‍ि क्या बात है, तुमको ही लेना है. फ‍िर वे मुझसे बोले क‍ि धर्मेंद्र प्रधान जी के साथ आप आ जाना. मैं धर्मेंद्र प्रधान जी के घर गया तो वे बोले क‍ि मुझे भी अभी फोन आया था क‍ि आपको साथ लेकर चलना है.”

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प्रताप चंद्र सारंगी के नाम की चर्चा गुरुवार शाम से ही पूरे देश में हो रही है. ‘ओडिशा के मोदी’ के नाम से मशहूर बालासोर से इन सांसद की कई ऐसी बातें हैं जो देशवासियों को समझ आ रही हैं. बालासोर से लोकसभा सांसद चुने जाने से पहले वह 2004, 2009 में निलागिरी विधानसभा सीट से बतौर विधायक जीत दर्ज कर चुके हैं. 2004 में बीजेपी के टिकट से, तो 2009 में निर्दलीय के तौर पर.
बता दें क‍ि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने मंत्रि‍मंडल में जगह दी है और राज्य मंत्री बनाया है. उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के साथ पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन व‍िभाग भी द‍िया गया है. गुरुवार को जब वह शपथ लेने आए थे तो राष्ट्रपति भवन का प्रांगण तालियों से गूंज उठा था. सोशल मीडिया पर भी उनकी काफी चर्चा हुई. प्रताप सारंगी, हिंदी-ओड़िया-संस्कृत भाषा में निपुण हैं.

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सारंगी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं. अपने क्षेत्र में वह साइकिल से ही सफर करते हैं. इस चुनाव में भी वह एक ऑटो रिक्शा पर अपना प्रचार करते हुए देखे गए थे. उनकी इसी सादगी की वजह से लोग उन्हें ”ओडिशा का मोदी” भी कहते हैं.

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