प्याज की महंगाई बनी मोदी सरकार की मुसीबत, अब जाकर लिया ये बड़ा फैसला

जहाँ एक ओर प्याज की महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है. वहीँ दूसरी ओर ये मुद्दा मोदी सरकार के गले की हड्डी बन चुका है.जहाँ सबको पता है कि प्याज की महंगाई का असल कारण प्याज की जमाखोरी है.

अब इससे निपटने के लिए सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है. मंगलवार को इस मुद्दे पर सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्याज के थोक व फुटकर व्यापारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा को 50 प्रतिशत से घटाकर 25 टन और 5 टन कर दिया है.

प्याज पर महंगाई

सरकार के अनुसार ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जायेगा हालांकि आयात करने वालों को इस आदेश से अलग रखा गया है.

आसमान छूते दाम पर अब लगेगी लगाम- 

प्याज के आसमान छूते दाम को थामने के लिए इससे पहले 30 सितंबर को केंद्र सरकार ने थोक एवं खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा तय कर दी थी जिसके अनुसार, थोक व्यापाररियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा 50 टन जबकि खुदरा कारोबारियों के लिए पांच टन थी. देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 80 रुपये प्रति किलो को पार कर गया है, जबकि दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में खुदरा प्याज 80-130 रुपये किलो बिक रहा है.

पावर ने किया खुलासा मोदी के ऑफर के पीछे की क्या थी मुख्य वजह…

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में सचिव अविनाश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में प्याज की महंगाई पर नियंत्रण रखने के लिए कई अहम फैसले लिए गए. मंत्रालय की ओर सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर प्याज की मांग और आपूर्ति की जिलास्तर पर निगरानी करने को कहा गया है.

सूत्रों ने बताया कि जिला स्तर पर प्याज की स्टॉक की रिपोर्ट रोजाना तैयार करने का निर्देश दिया गया है. मतलब जिले में किस व्यापारी के पास प्याज का कितना स्टॉक है, इसकी जानकारी मंत्रालय को दी जाएगी.

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