पेशेवर मुक्‍केबाजों को ओलम्पिक के लिए मंजूरी देना पब्लिसिटी स्टंट

पेशेवर मुक्‍केबाजोंनई दिल्‍ली। भारतीय मुक्केबाजी परिषद (आईबीसी) के अध्यक्ष पी. के. मुरलीधरन राजा ने सोमवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) का पेशेवर मुक्‍केबाजों को इसी साल होने वाले रियो ओलम्पिक में भेजने का फैसला ‘प्रचार का पैंतरा’ (पब्लिसिटी स्टंट) है। उन्होंने कहा कि रियो ओलम्पिक से कुछ महीने पहले यह बदलाव करना जल्दबाजी है। पेशेवर मुक्केबाजों को ओलम्पिक में मुकाबला करने के लिए बुधवार को हुए चुनाव में एआईबीए से मान्यता प्राप्त 88 सदस्य महासंघों में से 84 ने इसके पक्ष में वोट दिया था।

पेशेवर मुक्‍केबाजों पर उठे सवाल

राजा ने कहा कि पेशेवर मुक्केबाजों को अगस्त में होने वाले ओलम्पिक में शामिल करने का फैसला अनावश्यक और तिकड़मबाजी है।

उन्होंने कहा कि एआईबीए द्वारा कराई जा रही एआईबीए पेशेवर मुक्केबाजी (एआईपीबी) और विश्व मुक्केबाजी श्रृंखला जैसी लीगों की कम लोकप्रियता ने भी उसे यह फैसला लेने पर मजबूर किया है।

राजा ने कहा, “यह पूरी तरह प्रचार का पैंतरा है। पेशेवर खिलाड़ियों को 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक में खेलने का फैसला बेहतर रहता। अगस्त में ओलम्पिक होने हैं और उससे दो महीने पहले यह फैसला लेना महज तिकड़मबाजी है।”

उन्होंने कहा, “एआईबीए की पेशेवर लीग सफल नहीं हो पाईं और कोई भी एआईबीए के बारे में बात नहीं कर रहा है। पेशेवर खिलाड़ियों के लिए व्यस्त कार्यक्रम के कारण ओलम्पिक क्वालीफायर में जाना काफी मुश्किल होगा।”

उन्होंने कहा, “साथ ही वह युवा एमेच्योर खिलाड़ियों के खिलाफ खेलेंगे। जज और रैफरी भी एमेच्योर ही होंगे।”

राजा का यह भी मानना है कि बीजिंग ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाले मुक्केबाज विजेंदर सिंह (जो अब पेशेवर मुक्केबाज हैं) का रियो में हिस्सा लेना काफी मुश्किल होगा। रियो के लिए क्वालीफायर तीन जुलाई को होना है जबकि वह 16 जुलाई को दिल्ली में विश्व मुक्केबाजी संगठन की एशिया सुपर मिडिलवेट चैम्पियनशिप में हिस्सा लेंगे।

राजा ने कहा, “वह कह रहे हैं कि वह कोशिश करेंगे, लेकिन समय और कार्यक्रम को देखते हुए यह काफी मुश्किल होगा। क्वालीफायर से दो सप्ताह पहले 16 जुलाई को उन्हें मुकाबला खेलना है।”

राजा ने कहा कि पेशेवर मुक्केबाजों को सरकारी मदद मिलने लगे तो इससे खेल में काफी सुधार आएगा।

उन्होंने कहा, “इससे पहले जो खिलाड़ी पेशेवर मुक्‍केबाजों  में शामिल हो जाते थे, उन्हें सरकारी सुविधाएं नहीं मिलती थीं क्योंकि वे ओलम्पिक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होते थे। लेकिन, अब इस फैसले से यह स्थिति बदलेगी।”

राजा को उम्मीद है कि शिव थापा रियो में जाने वाले इकलौते भारतीय नहीं होंगे। उनके अलावा भी 16 जून को अजरबैजान के बाकू में होने वाली क्वालीफाइंग स्पर्धा में भारत के लिए कोई और भी रियो का टिकट हासिल करेगा।

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