पुलिस पर लगाए हत्यारोपी शिव अवतार के बच्चों ने आरोप, कहा- हर्ष को खेत में क्यों घुसने दिया
सिपाही हर्ष चौधरी की हत्या के आरोपी हिस्ट्रीशीटर शिव अवतार की पुत्री और पुत्र ने अपने पिता की मौत को लेकर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि पुलिस द्वारा की गई पैसों की मांग पूरी न करने पर उनके पिता को फर्जी मुठभेड़ दिखाकर मारा गया है।
आरोपी की बेटी रोनी का दावा है कि रविवार की दोपहर एक दरोगा और एक सिपाही शिव अवतार पर चल रहे सभी मुकदमों को खत्म करने के एवज में दो लाख रुपये की मांग लेकर आए थे। रोनी का तो यह भी कहना है कि उसकी मां ने उन्हें पांच हजार रुपये भी दिए थे।
सोमवार को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे आरोपी के बेटे अरुण ने भी इन आरोपों को दोहराया। हालांकि उसके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था कि सिपाही हर्ष चौधरी की हत्या क्यों और किसने की। रोनी ने पुलिस की मुठभेड़ पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि यदि उसके पिता मुठभेड़ में घायल हो गए थे तो उपचार के लिए किसी परिजन को साथ क्यों नहीं लिया गया। उसका आरोप है कि पुलिस ने उसके पिता को पकड़ कर गोली मारी है।
परिजनों ने पुलिस के उच्चाधिकारियों व मानवाधिकार आयोग से इस कांड की निष्पक्ष जांच की मांग की है। सोमवार की दोपहर यह संवाददाता पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हिस्ट्रीशीटर शिवअवतार यादव के घर पहुंचा। बड़ी बेटी रोनी पिता के मुठभेड़ में मौत की जानकारी मिलने पर गांव पहुंची। शिवअवतार के दो पुत्र व दो पुत्रियां हैं।
बड़ा बेटा अरुण दिव्यांग है और दिल्ली में टेलरिंग का काम करता है। रोनी की शादी हो चुकी है। गांव के कुछ लोग व रिश्तेदार घर पर मौजूद थे। हालांकि शिवअवतार के आपराधिक इतिहास की वजह से गांव वालों का परिजनों से ज्यादा वास्ता नहीं है।
रोनी का आरोप है कि रुपए नहीं देने पर पुलिस ने पकड़ कर उसके पिता की हत्या की है। हर्ष के गोली मारने की भी जांच की मांग करती है। रोनी का कहना था कि उसके पिता ने काफी अरसे से कोई अपराध नहीं किया है। वह शांतिपूर्ण जीवन जी रहे थे लेकिन पुलिस ने उसके पिता को मार डाला।
पुलिस विभाग के युवा सिपाही की जान क्या उसके अति उत्साह की वजह से चली गई या फिर इसके पीछे पुलिस की घोर लापरवाही है। कारण कोई भी रहा हो लेकिन पुलिस यदि थोड़ी भी सावधानी बरतती तो हर्ष की जान बच सकती थी। बकौल पुलिस अधीक्षक थाना पुलिस दो दरोगा व चार सिपाही के साथ हिस्ट्रीशीटर शिवअवतार का सत्यापन करने गांव गई थी।
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शिव अवतार गांव से काफी बाहर खेत पर बने कुएं पर रहता था। पुलिस को भी भलीभांति मालूम है कि खेत पर रहने वाले अधिकांश लोग सुरक्षा के लिहाज से अपने साथ हथियार रखते हैं। फिर शिवअवतार तो हिस्ट्रीशीटर था। पुलिस ने उसके पास जाने से पहले बाडी प्रोटेक्टर व बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं पहनी थी। ऐसी क्या स्थिति पैदा हो गई कि उसने सीधे हर्ष के सीने में गोली उतार दी। साथ गए दरोगा व सिपाहियों ने उसे बचाने की कोशिश क्यों नहीं की।