‘पीजी मेडिकल, डेंटल कोर्स में काउंसलिंग का समय नहीं बढ़ा सकते’

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को देशभर के पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) मेडिकल और डेंटल कोर्स में 603 खाली सीटों को भरने के लिए 31 मई की समयसीमा बढ़ाने की दिशा में मांग करने वाले डीम्ड विश्वविद्यालयों की एक याचिका को खारिज कर दिया। याचिका 1,354 शिक्षण संस्थानों के एक पंजीकृत समूह एजुकेशन प्रमोशन सोसाइटी ऑफ इंडिया ने दायर की थी।

शैक्षणिक सत्र 2019-20 में कुल 4,561 पीजी सीटें उपलब्ध थीं। कुल 31 रोगविषयक और 572 रोगविषयक सीटें खाली रही थीं।

न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और सूयकांत की खंडपीठ ने याचिका में कोई मेरिट नहीं देखी, जिसमें अंतिम दौर के बावजूद खाली रहने वाली सीटों को भरने के लिए काउंसलिंग की समयसीमा बढ़ाने की मांग की गई थी।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजेएचएस) ने गुरुवार को याचिका का विरोध करते हुए इसे एक खतरनाक आवेदन के रूप में संदर्भित किया, जिसका गंभीर निहितार्थ है।

उन्होंने कहा कि यदि इसे विस्तार दिया जाता, तो यह एक बुरी मिसाल कायम करेगा।

डीजेएचएस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने कहा, “यह दाखिले के लिए कट-ऑफ तिथियां घोषित किए जाने के उद्देश्य को भी कम करेगा और सभी राज्यों को प्रभावित करेगा।”

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अदालत ने कहा कि हालांकि उसमें समयसीमा का विस्तार करने की शक्ति है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि उसे यह करना चाहिए या नहीं।

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