पीएम मोदी को नोटबंदी से लगता है डर, रोज आधा दर्जन एजेंसियां कर रहीं काम
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से कैश की किल्लत से जूझ रहे देश की स्थिति अब सामान्य होती नजर आ रही है। ज्यादातर ATM में अब पैसे मौजूद हैं। अगले दो महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ये विधानसभा चुनाव कई मायनों में साफ कर देंगे कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव तक बीजेपी और नरेंद्र मोदी का जादू चलेगा या नहीं।
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बीजेपी नोटबंदी के मुद्दे को भी पूरी तरह से भुनाने की कोशिश में है। बीजेपी नेताओं की मानें को लोगों का मिजाज जानने के लिए रोज लगभग आधा दर्जन एजेंसियों को सर्वे पर लगा रखा है। ये एजेंसियां 8 नवंबर के बाद से काम पर लगी हुई हैं। वे लोग सभी राज्यों में से 70 प्रतिशत के आंकड़े उनतक पहुंचा रहे हैं।
सभी राज्यों के मुकाबले यूपी सबसे बड़ा राज्य है और इसे ही मोदी की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में यूपी में मोदी समेत पार्टी के दिग्गज नेताओं ने कई रैलियां की हैं। सभी ने मोदी की ऐसी छवि प्रस्तुत करने की कोशिश की है जिसमें उन्हें गरीब, दलित और पिछड़े वर्गों का मसीहा बताया गया है।