पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर से उतरे ब्लैक बॉक्स में क्या ब्लैकमनी थी?

ट्विटर पर लोग एक ‘रहस्यमयी ब्लैक बॉक्स’ के बारे में बातचीत कर रहे हैं. यह बॉक्स पीएम मोदी के काफिले से जुड़ा है. दिनेश गुंडू राव कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उन्होंने 13 अप्रैल को अपने ट्विटर हैंडल पर 15 सेकेंड का एक वीडियो ट्वीट किया|

उन्होंने लिखा,“चित्रदुर्ग में कल (12 अप्रैल) को पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर से एक रहस्यमयी बॉक्स उतरा. इसे एक प्राइवेट इनोवा में रखा गया. गाड़ी तुरंत इस बॉक्स को लेकर कहीं चली गई. इलेक्शन कमिशन को जांच करनी चाहिए कि इस बॉक्स में क्या था और जिस गाड़ी में रखा गया वह गाड़ी किसकी थी.”

क्या है वीडियो में
हालांकि राव ने जो वीडियो ट्वीट किया है, उसमें कोई हेलिकॉप्टर नजर नहीं आ रहा लेकिन हेलिकॉप्टर के पंख दिख रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बड़े बॉक्स को दो लोग लेकर तेजी से एक इनोवा कार की ओर भाग रहे हैं. उनके साथ तीन और लोग दौड़ रहे हैं. इस ट्वीट के बाद चर्चा शुरू हो गई कि आखिर काले बॉक्स में था क्या.

कुछ ने कहा कि इसमें पीएम का कपड़ा था, वोटरों को बांटने के लिए कैश था. तुरंत कुछ लोग इस बॉक्स को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू के मामले से जोड़कर देखने लगे. सीएम के काफिले से 1.8 करोड़ रुपए कैश बरामद हुआ था. ट्विटर पर ब्लैक बॉक्स को लेकर लोग तरह-तरह के अनुमान लगाने लगे. पिछले हफ्ते पीएम मोदी कर्नाटक के चित्रदुर्ग में थे. ये वीडियो उसी समय का बताया जा रहा है.

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कांग्रेस ने खड़े किए सवाल

यूथ कांग्रेस मीडिया इंचार्ज श्रीवत्स ने भी इस वीडियो को शेयर किया है. उनका दावा है कि ये वीडियो पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर लैंड करने के तुरंत बाद का है. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए.

कर्नाटक के चित्रदुर्ग में पीएम के हेलिकॉप्टर से एक आश्चर्यचकित कर देने वाला बॉक्स उतरा इसे एक इनोवा में रखा गया जो पहले से इंतजार कर रही थी. सवाल ये है कि यह बॉक्स सिक्युरिटी प्रोटोकाल का हिस्सा क्यों नहीं था. वहां खड़ी इनोवा पीएम के काफिले का हिस्सा क्यों नहीं थी, आखिर ये किसकी थी.

बॉक्स में क्या था. यह तुरंत वहां से क्यों चली गई. क्या मीडिया ये सवाल पूछेगा. क्या इलेक्शन कमिशन इसकी जांच करेगा कि बॉक्स में क्या था. पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है कि इससे संबंधित संस्थाएं इसके बारे में बताएं. चुनाव प्रचार के दौरान इस तरह के मामलों की जांच होनी चाहिए. मेरी मीडिया से अपील है कि वह सवाल करे कि ये हो क्या रहा है.

बीजेपी की ओर से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन चित्रदुर्ग के एसपी डॉक्टर अरुण के ने बताया कि- जैसा कि हमें सिक्युरिटी एजेंसियों से सूचना मिली है, बॉक्स पीएम के सिक्युरिटी का हिस्सा था. इस बॉक्स को जिस गाड़ी में रखा गया वह पीएम के काफिले की थी.

लेकिन फेसबुक की जनता को कौन कहे कि थोड़ा ठहरो! रुको! ऑफिशियल वर्ज़न आ जाने दो! वहां तो कहा जा रहा है. चुनाव के लिए प्रयोग होने वाला काला धन तो नही था इस संदूक में?

वो जो टर्म चलता है पोस्ट ट्रुथ. उसी का जमाना है. सच को कैसा भी तोड़-मरोड़ दें. एक अस्पष्ट से वीडियो में अस्पष्ट सी चीज नज़र आई. एक वर्ग ने उसे अपने हिसाब से कहानी में पिरोया परोस दिया. अब भिड़ाते रहें सिर. बाकी समझदार ये करें कि रुक लें. ऑफिशियल बातें कहे जाने का इंतज़ार करें. किसी और के दिखाने पर निष्कर्ष पर न पहुंचें. ‘हो सकता है, ऐसा हो’ जैसी बातों से बचें.

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