पिता हरिवंश राय के बर्थडे पर भावुक हो बिग बी ने किया पोस्ट, इन बातों को किया याद,पढ़ें!

मुंबई.बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन हिंदी के बड़े कवि, साहित्यकार का जन्म 27 नवंबर 1907 को इलाहाबाद में हुआ था. पिता के जन्मदिन के मौके पर बिग बी ने ट्विटर पर उनकी तस्वीरों के साथ एक पोस्ट साझा किया है. बताते चलें कि हरिवंश राय हिंदी के उन बड़े चुनिंदा साहित्यकारों में हैं संक्षिप्त ही सही फिल्मों के लिए भी लेखन किया.

Amitabh Bachchan

महानायक ने पिता को याद करते हुए ट्वीट में लिखा- ”27th November 1907 .. पूज्य बाबूजी का जन्म! विश्व युद्ध II के समय वो इलाहबाद विश्वविद्यालय में शिक्षक थे , और UOTC के सदस्य ! University Officers Training Corps, तो उस समय ये लिखा उन्होंने : “मैं कलाम और बंदूक़ चलता हूं दोनों ; दुनिया में ऐसे बंदे कम पाए जाते हैं.”

https://twitter.com/SrBachchan/status/1067164168925589504

हरिवंश राय बच्चन ने बेटे अमिताभ की कई फिल्मों के गाने लिखे थे. इनमें सबसे ज्यादा पॉपुलर रहा उनका होली गीत ”रंग बरसे”. ये गाना अमिताभ बच्चन पर “सिलसिला” में फिल्माया गया. इस सुपरहिट सॉन्ग को अमिताभ ने गाया था. हरिवंश राय ने ”मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है” (लावारिस), ”कोई गाता मैं सो जाता” (अलाप), ”सांझ खिले भोर झड़े” (फिर भी) जैसे गाने लिखे. हरिवंश द्वारा लिखी गई कविता ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ बॉलीवुड फिल्म ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ में ली गई थी.

हरिवंश राय की सबसे प्रसिद्ध कृतियों में मधुशाला का नाम सबसे ऊपर आता है. इसके अलावा इनकी रचनाओं में मधुबाला, मधुकलश, मिलन यामिनी, प्रणय पत्रिका, निशा निमंत्रण, दो चट्टानें आदि शामिल हैं. कविताओं में तेरा हार, एकांत संगीत, आकुल अंतर, सतरंगिनी, हलाहल, बंगाल का काल, सूत की माला, खादी के फूल, प्रणय पत्रिका आदि शामिल हैं.

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हरिवंश राय की आत्मकथा चार खंडों; क्या भूलूं क्या याद करूं (1969), नीड़ का निर्माण फिर (1970), बसेरे से दूर (1977), दशद्वार से सोपान तक (1985) में है. इसे हिंदी की सर्वश्रेष्ठ आत्मकथाओं में शुमार किया जाता है.

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