आरक्षण पर मोदी ने खेला मास्टर स्ट्रोक, बदल जाएंगे सारे नियम

नया आयोग गठितनई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के स्थान पर सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गो के लिए एक नया आयोग गठित करने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक बैठक की अध्यक्षता की और नया आयोग गठित करने के लिए संविधान में संशोधन और अनुच्छेद 338बी शामिल करने की अनुमति दी।

नया आयोग वर्तमान में मौजूद राष्‍ट्रीय पिछड़ा आयोग की जगह लेगा। इसे संवैधानिक दर्जा भी दिया जाएगा। वर्तमान में मौजूद ओबीसी आयोग का संवैधानिक दर्जा नहीं है। नए आयोग का नाम नेशनल कमीशन फॉर सोशल एंड एजुकेशनली बैकवर्ड क्‍लासेज (एनएसईबीसी) रखा जाएगा। इस आयोग की सिफारिश के बाद संसद पिछड़ा वर्ग में नई जातियों के नाम जोड़े जाने या हटाए जाने पर फैसला करेगी।

इस विधेयक को अब संसद में पेश किया जाएगा। इसमें प्रस्तावित है ;

सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गो की परिभाषा के लिए अनुच्छेद 366 के तहत एक नई धारा (26सी) को शामिल करना।

अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में किसी भी जाति को शामिल करने या हटाने के लिए संसद की मंजूरी को जरूरी बनाने के लिए अनुच्छेद 341 और 342 के बाद अनुच्छेद 342 ए के प्रावधानों को शामिल करना।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 1993 और उसके तहत बने नियमों को रद्द करना।

अधिनियम 1993 के तहत गठित आयोग को भंग करना।

नए आयोग यानी ‘सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्गो के लिए राष्ट्रीय आयोग’ का गठन, जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और तीन अन्य सदस्य शामिल होंगे।

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