पाकिस्तान का ‘विभीषण’ आया भारत के साथ, अब खोलेगा सारे राज

पाकिस्तान का विभीषणनई दिल्ली| उरी हमले के बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ दुनियाभर से मिल रहे समर्थन के बीच एक बड़ी सफलता हाथ लगी है| खबर है कि पाकिस्तान का विभीषण कहे जाने वाले बलूच राष्ट्रवादी नेता और बलूच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) के अध्यक्ष ब्रह्मदाग बुगती ने भारत में शरण के मुद्दे पर जेनेवा में भारतीय राजनयिकों से बातचीत की है। बीआरपी पाकिस्तान से बलूचिस्तान को आजाद करने की मांग करने वाला संगठन है।

पाकिस्तान का विभीषण आया भारत के साथ

इतना ही नहीं, बुगती ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में भारत की तरफ से अगुवाई करने की भी बात कही है| मुलाक़ात के बाद बुगती ने कहा कि भारतीय राजनयिकों के साथ बातचीत सकारात्मक रही और उनका रुख बहुत सहयोगात्मक था। हमने भारत में शरण की शर्तो पर चर्चा की। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही हम भारत के साथ मिलकर काम करेंगे।”

उन्होंने भारतीय राजनयिकों के साथ हुई बातचीत को ‘संवेदनशील’ करार देते हुए कहा कि इस बारे में बहुत कुछ नहीं बताया जा सकता। लेकिन बातचीत के दौरान ‘पाकिस्तान अधिकृत बलूचिस्तान में बलूच लोगों की स्थिति’ पर चर्चा की गई।

उन्होंने कहा, “भारतीय राजनयिकों के साथ यह मेरी पहली मुलाकात थी। इससे पहले मैंने भारतीय दूतावास से पहले कभी संपर्क नहीं किया था।”

बैठक के बाद बुगती ने कहा, “भारत में शरण को लेकर मैं बहुत आशान्वित और सकारात्मक हूं।” उनके साथ एक अन्य बलूच राष्ट्रवादी मेहरान मारी थे।

ब्रह्मदाग बलूच नेता और बुगती जनजाति के प्रमुख नवाब अकबर बुगती के पोते हैं। साल 2006 में पाकिस्तानी सेना ने अकबर बुगती की हत्या कर दी थी, जिसके बाद ब्रह्मदाग ने जान बचाने के लिए बलूचिस्तान छोड़ दिया था।

पहले उन्हें अफगानिस्तान ने शरण दी थी, लेकिन साल 2010 में वह स्विट्जरलैंड चले गए थे।

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